डेवोन कॉनवे ICC प्लेयर ऑफ द मंथ का अवार्ड जीतने वाले पहले गैर एशियाई क्रिकेटर बने
दुबई: न्यूजीलैंड के बेहतरीन ओपनर डेवोन कॉनवे को पुरुष श्रेणी में आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ पुरस्कार के लिए चुना गया है।जून माह में संपन्न श्रृंखलाओं में शानदार प्रदर्शन के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कॉनवे अपने टेस्ट क्रिकेट करियर के पहले महीने में ही शानदार प्रदर्शन के बाद यह पुरस्कार जीतने वाले न्यूजीलैंड के पहले खिलाड़ी बने हैं। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने लॉर्ड्स में इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण टेस्ट में एक महत्वपूर्ण दोहरा शतक बनाया था। इसके बाद अपने अगले दो मैचों में दो अर्धशतक बनाए, जिसमें साउथम्पटन में भारत के खिलाफ विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) का फाइनल भी शामिल है।
पुरुष श्रेणी में उन्होंने डब्ल्यूटीसी फाइनल में शानदार गेंदबाजी करने वाले अपने हमवतन काइल जैमिसन और दक्षिण अफ्रीका के स्टार बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक को पछाड़ा है।
आईसीसी वोटिंग अकादमी का नेतृत्व कर रहे रमीज राजा ने कॉनवे के बारे में कहा, “ लॉर्ड्स में टेस्ट पदार्पण पर उनकी बल्लेबाजी साल के सर्वश्रेष्ठ शो में से एक है। वह देर से गेंद खेलते हैं। वह एक संत की तरह धैर्य रखते हैं और एक योद्धा की सहजता के साथ चलते हैं। ”
जानकारी के लिए बता दें कि जून माह में कॉनवे लॉर्ड्स के मैदान पर डेब्यू पर दोहरा शतक लगाने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। उन्होंने 347 गेंदों का सामना करते हुए अपना नायाब दोहरा शतक पूरा किया था।पदार्पण टेस्ट में दोहरा शतक बनाने पर कॉनवे को आईसीसी टेस्ट रैंकिग में सीधे 77वां स्थान प्राप्त हुआ था। उन्हें अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत 447 रेटिंग अंक मिले थे जो न्यूजीलैंड के किसी भी बल्लेबाज के लिए पदार्पण टेस्ट में सबसे अधिक हैं और दुनिया भर में तीसरे सर्वाधिक अंक हैं।
आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल में लगाया पहला अर्धशतक
भारत के खिलाफ पहली पारी में डेवॉन कॉनवे ने अर्धशतक लगाया जो इस मैच का पहला अर्धशतक था।वह 153 गेंदों पर 54 रनों की बढ़िया पारी खेलकर आउट हुए थे।
आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ अवार्ड जीतने वाले पहले गैर एशियाई खिलाड़ी बने
डेवॉन कॉनवे के लिए यह अवार्ड एक इतिहास की तरह है। इससे पहले यह सभी अवार्ड एशियाई खिलाड़ियों ने ही जीते थे। जनवरी में ऋषभ पंत, फरवरी में रविचंद्रन अश्विन, मार्च में भुवनेश्वर कुमार ने यह अवार्ड जीता था। अप्रैल माह में यह अवार्ड बाबर आजम ने जीता और यह अवार्ड जीतने वाले वह पहले गैर भारतीय बने। इसके बाद मई महीने में मुश्फिकुर रहीम ने यह अवार्ड जीता। जून महीने में यह अवार्ड जीतने वाले कॉनवे पहले गैर एशियाई खिलाड़ी बने हैं।
(वार्ता/वेबदुनिया डेस्क)