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Team India के रद्द मैच का 'मेनन परिवार कनेक्शन' जानकर रह जाएंगे हैरान

Team India के रद्द मैच का 'मेनन परिवार कनेक्शन' जानकर रह जाएंगे हैरान - Menon family connection to team India's canceled match
मध्यप्रदेश (इंदौर) का मेनन परिवार ऐसा पहला परिवार है, जिसमें न तो पिता ने भारतीय टीम से कोई मैच खेला और न ही पुत्र ने लेकिन दोनों ही इंटरनेशनल अंपायर बने। नरेंद्र मेनन आईसीसी के एलिट पैनल (तब के समय नहीं होता था) में नहीं आए लेकिन उनका बेटा नितिन मेनन (Nitin Menon) ICC के एलिट पैनल में शामिल है। भारतीय क्रिकेट में इस पिता पुत्र दोनों का ही एक दिलचस्प कनेक्शन है, जिसमें टीम इंडिया (Team india) के रद्द हुए मैचों में वे बड़ी भूमिका में नजर आए। इसे जानकर आप भी रह जाएंगे हैरान... 
 
गुवाहाटी में 5 जनवरी को भारत और श्रीलंका के बीच सीरीज का पहला मैच बारिश के कारण रद्द कर दिया गया था। बारिश थमने के एक घंटे के बाद भी मैच इसलिए शुरू नहीं हो पाया था कि पिच पर ढके कवर में छेद होने की वजह से बारिश का पानी नीचे उतर गया था और हेयर ड्रायर से उसे सुखाने की कोशिश की गई जो बेकार गई। यह तमाम बातें पुरानी हो चुकी हैं लेकिन नई बात यह है कि मैच को रद्द करने वाले अंपायर कौन थे?
 
इस मैच के लिए आईसीसी के एलिट पैनल से नितिन मेनन और सी. शमशुद्दीन को मैदानी अंपायर नियुक्त किया था। इन्हीं दोनों अंपायरों ने पिच के गीला होने के कारण मैच को रद्द करने का अंतिम फैसला रात 9.30 मिनट पर लेकर हजारों दर्शकों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। नितिन 22 वनडे, 9 टी20, 1 टेस्ट मैच और 40 आईपीएल मैचों की अंपायरिंग कर चुके हैं। 
मैच को रद्द करने के फैसले में मैच रैफरी के साथ शामिल अंपायर नितिन मेनन के पिता का टीम इंडिया के साथ भी ऐसा कनेक्शन सामने आया था। नितिन के पिता नरेंद्र मेनन 1993 से 1998 तक इंटरनेशनल अंपायर रहे साथ ही साथ वे मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) से भी लंबे समय तक जुड़े रहे। 
 
18 गेंद के बाद वनडे मैच रद्द : 25 दिसंबर 1997 को इंदौर में भारत और श्रीलंका के बीच वनडे इंटरनेशनल मैच का आयोजन था, लेकिन खराब विकेट के कारण 18 गेंदों के बाद ही इसे रद्द कर दिया गया। भारत में यह पहला इंटरनेशनल मैच था, जिसे रद्द कर दिया गया था। भारतीय टीम के कप्तान थे सचिन तेंदुलकर और श्रीलंका टीम के कप्तान अर्जुन रणतुंगा थे। 
तस्वीर सौजन्य फेसबुक : नरेंद्र मेनन, नितिन मेनन, ज्योतिरादित्य सिंधिया (फाइल फोटो)
 
इंदौर पिच की इनसाइड स्टोरी : इंदौर में तब इंटरनेशनल क्रिकेट मैच नेहरू स्टेडियम में आयोजित होते थे, जो सरकारी था। यहां पर एमपीसीए पिच का निर्माण नरेंद्र मेनन से करवाता था। इनसाइड स्टोरी यह है कि मेनन ऐड मौके पर अंपायरिंग करने इंदौर से बाहर चले गए थे और विकेट को तैयार करने का जिम्मा सहायक समंदर सिंह चौहान (पिच क्यूरेटर) को सौंप गए। 
 
सचिन ने कहा, मरवाओगे क्या : समंदर ने अपने तरीके से विकेट बनाया। जब तक मेनन वापस लौटते, पिच तैयार हो चुका था, जिसमें पीली, काली मिट्‍टी के अलावा बोल्डर डालकर उस पर हैवी रोलर चलवा दिया गया था। मुझे आज भी याद है कि शाम को जब नेट अभ्यास के बाद सचिन तेंदुलकर विकेट देखने आए तो नाराज हो गए क्योंकि उन्होंने जूते से जैसे ही पिच को ठोंका, वैसे ही एक पत्थर उछल गया। सचिन के शब्द थे ऐसे विकेट पर खिलाकर क्या मरवाओगे... 
 
टीवी कैमरे के कारण पिच नहीं बदला : चूंकि टीवी प्रसारण के लिए पूरे मैदान पर केबल डल चुकी थी और कैमरा मिडिल स्टंप पर फिट हो चुका था। ऐसे में रातोरात नया विकेट तैयार नहीं हो सकता था। तब एमपीसीए ने सचिन को आश्वस्त किया कि कुछ नहीं होगा और मैच में कोई बाधा नहीं आएगी लेकिन 25 दिसम्बर को जो कुछ हुआ, वह भारतीय क्रिकेट के सीने पर काले दाग के रूप में चस्पा हो गया। 
3 ओवर के बाद मैच रद्द : श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी और जब 3 ओवर में 1 विकेट खोकर 17 रन बनाए थे, तब पिच का सीना फाड़कर पत्थर ऊपर आ गए और बल्लेबाजों (सनथ जयसूर्या, रौशन महानामा) ने अंपायर से आपत्ति दर्ज की थी।

मैदान पर रणतुंगा, सचिन और एमपीसीए के तत्कालीन मुखिया माधव राव सिंधिया (ज्योतिरादित्य के पिता) विकेट पर जमा हो गए। खराब पिच के लिए नरेंद्र मेनन को तलब किया गया। आखिरकार मैच रैफरी एहमद इब्राहिम ने मैदानी अंपायर सुब्रतो पोरेल और देवेंद्र शर्मा की रिपोर्ट पर मैच को रद्द कर दिया गया।
 
सिंधियां ने दर्शकों के गुस्से को शांति किया : नेहरू स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा था और वे मैच न होने से अपनी नाराजगी प्रकट कर रहे थे। तब माधवराव सिंधिया ने माइक संभाला और दोनों टीमों को मनाकर प्रेक्टिस पिच पर 25-25 ओवर का प्रदर्शन करवाने की घोषणा करके दर्शकों के गुस्से को शां‍त किया।

इसके बाद ही एमपीसीए ने अपने मालिकाना हक वाले होल्कर स्टेडियम को बनाया, जहां 2006 में पहला वनडे इंटरनेशनल मैच भारत और इंग्लैंड के बीच खेला गया, लेकिन दुर्घटना में मौत के मुंह में समा चुके माधवराव सिंधिया इस मैच के गवाह नहीं बन सके।

इसे भी एक संयोग ही माना जाएगा कि पिच की वजह से जो अंतरराष्ट्रीय मैच रद्द हुए, उन दोनों प्रसंगों पर टीम इंडिया के सामने विरोधी टीम श्रीलंका ही थी।
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