रन बटोरे लेकिन दक्षिण अफ्रीकी तेज गेंदबाजों के सामने असहज दिखी नई भारतीय सलामी जोड़ी
पहले पॉवरप्ले का स्कोर नहीं दिखा पाया भारतीय सलामी बल्लेबाजों का संघर्ष
क्रिकेट में स्कोर हमेशा प्रतिभा को नहीं दर्शाता लेकिन यह खेल की झलक जरूर दे देता है।इशान किशन और ऋतुराज गायकवाड़ की नयी सलामी जोड़ी ने पहले टी-20 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 6 ओवर में 51 रन जरूर जड़े लेकिन जिन फैंस ने यह मैच देखा होगा वह यह बता सकते हैं कि यह रन कैसे आए।
ऋतुराज गायकवाड़ और इशान किशन जैसे बल्लेबाजों ने यह जरूर दर्शाया कि वे खेल के सबसे छोटे प्रारूप में पारी की शुरुआत में संभल कर खेलने की जगह आक्रामक रूख अख्तियार करेंगे।
इन युवा बल्लेबाजों ने जज्बा दिखाते हुए आक्रामक शॉट लगाये। किशन ने अर्धशतक भी लगाया लेकिन दोनों कैगिसो रबाडा और एनरिच नोर्किया की तेज गेंदों के खिलाफ असहज दिखे।इसके अलावा राष्ट्रीय टी-20 टीम में 5 साल बाद वापसी करने वाले वेन पार्नेल की गति से भी दोनों ही बल्लेबाज बल्ला छूने में संघर्ष करते दिखे, खासकर ईशान किशन।
गायकवाड़ के तीन में दो छक्के ऐसे थे जिसमें वह बल्ले से ठीक तरीके से गेंद को नियंत्रित नहीं कर सके। इसके अलावा ईशान किशन के कई चौके बल्ले के बाहरी किनारे से लग कर आए। अगर उस जगह पर दक्षिण अफ्रीकी कप्तान दूसरी या तीसरी स्लिप्स पर लगाते तो शायद रन नहीं मिलता उल्टा हो सकता था कि किशन पवैलियन जल्द रवाना भी हो जाते।पॉवरप्ले खत्म होने के बाद इस ही स्कोर पर दक्षिण अफ्रीका को पहला विकेट भी मिला।
इस बात में फिलहाल कोई संदेह नहीं कि भारत की इशान किशन और ऋतुराज गायकवाड़ की नयी सलामी जोड़ी इस साल अक्टूबर के आखिर में जब पाकिस्तान के खिलाफ टी20 विश्व कप के अपने शुरूआती मैच के लिए उतरेगी तो यह जोड़ी क्रीज पर नहीं होगी।इस श्रृंखला से हालांकि उस भारतीय टीम की झलक जरूर मिलेगी जो रोहित शर्मा, लोकेश राहुल और विराट कोहली के दौर के बाद होगी।
गायकवाड़ के साथ अनुभव पर बोले किशन
रूतुराज गायकवाड़ के साथ पारी का आगाज करने वाले ईशान ने स्वीकार किया कि नियमित सलामी बल्लेबाज केएल राहुल और रोहित शर्मा के लौटने पर उनके लिये यह मौका मिलना मुश्किल होगा और वह इसकी अपेक्षा भी नहीं करते।
उन्होंने कहा ,राहुल और रोहित विश्व स्तरीय बल्लेबाज हैं और इतने अनुभवी है। मैं इसकी अपेक्षा भी नहीं करता कि उनके लौटने पर मुझे पारी की शुरूआत करने का मौका मिलेगा । मेरा काम जब भी मौका मिले, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है। बाकी चयनकर्ताओं का काम है।