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चुनाव आयोग ला सकता है रिमोट वोटिंग सिस्टम, जिससे देश के किसी भी कोने से वोट डालना होगा संभव

चुनाव आयोग ला सकता है रिमोट वोटिंग सिस्टम, जिससे देश के किसी भी कोने से वोट डालना होगा संभव what is remote voting that helps you to caste your vote from anywhere around the nation - what is remote voting that helps you to caste your vote from anywhere around the nation
भारत में अब रिपोर्ट वोटिंग की तैयारी, जानिए क्या होती है Remote Voting
लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए देश के हर नागरिक को मतदान अवश्य करना चाहिए। लेकिन, आज भी कई कारणों की वजह से बड़ी संख्या में भारत के नागरिक मतदान नहीं कर पाते हैं। इनमें से सबसे बड़ी आबादी उस प्रवासी श्रमिक और कामगार वर्ग के लोगों की है, जो रोजगार की तलाश में अपने स्थायी निवास से दूर किसी अन्य प्रदेश में चले जाते हैं। मतदान के समय प्रदेश से बाहर होने की वजह से ये लोग अपना वोट नहीं दे पाते। अब ऐसे मतदाताओं की समस्या को चुनाव आयोग गंभीरता से लेकर उनके लिए 'रिमोट वोटिंग' के विकल्प पर विचार कर रहा है। 
 
रिमोट वोटिंग क्या है? : मान लीजिए की आप दिल्ली में रहकर काम करते हैं, लेकिन आपका नाम आपके स्थायी निवास लखनऊ की मतदाता सूची में आता है, तो भी आप दिल्ली में बैठे-बैठे ही लखनऊ में अपना वोट डाल पाएंगे। दूसरे शब्दों में, रिमोट वोटिंग मतदान की एक ऐसी व्यवस्था है, जो लोगों को अपने कार्यस्थल से ही वोट डालने की सुविधा देगी। 
 
2011 की जनगणना के अनुसार देश में 45 करोड़ से ज्यादा लोग प्रवासी हैं। ये ऐसे लोग हैं जो किसी वजह से अपने घर को छोड़कर दूसरे शहरों या राज्यों में रह रहे हैं। इनमे से बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के साथ-साथ ऐसी महिलाएं शामिल हैं जो शादी के बाद दूसरे शहर या राज्य चली गईं थीं। 
 
चुनाव आयोग के अनुसार आप जिस शहर में रहते हैं, उस विधानसभा सीट के वोटर बनकर अपना वोट डाल सकते हैं। लेकिन अपनी पुरानी विधानसभा सीट से नाम कटवाकर नई लिस्ट में जुड़वाने के लिए एड्रेस प्रूफ, बिजली बिल जैसे दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है, जिनकी व्यवस्था कर पाना अधिकतर कामगारों के लिए सरल नहीं होता।  
 
फिलहाल केवल सर्विस वोटरों (सेना के जवान, चुनाव कर्मचारी या विदेश में पढ़ने या नौकरी करने वाले लोग) को ही ऐसी सुविधा प्राप्त है। वे पत्र के माध्यम (पोस्टल बैलेट) से अपना वोट डाल सकते हैं। 
 
रिमोट वोटिंग के जरिए सभी नागरिकों को पूरे देश में कहीं से भी वोट डालने की सुविधा दी जाएगी। कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग ने प्रवासी श्रमिकों की विधिवत गणना शुरू कर दी है, ताकि रिमोट वोटिंग के लिए रोडमैप तैयार किया जा सके। चुनाव आयोग ने रिमोट वोटिंग के लिए उच्चस्तरीय बैठक भी की हैं। एक अधिकारी के अनुसार रिमोट वोटिंग की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कमेटी का गठन किया जाएगा। ये कमेटी एक ऐसी व्यवस्था पर काम करेगी, जिसकी मदद से प्रवासी मजदूर जहां हैं, वहीं से वोट डाल पाएंगे। इस सिस्टम से वोटिंग प्रतिशत बढ़ने की भी उम्मीद है। 
 
इन देशों में है रिमोट वोटिंग की व्यवस्था : फिलहाल, दुनिया में एस्टोनिया ही एक ऐसा देश है, जहां के मतदाताओं को ऑनलाइन वोटिंग का अधिकार है। इसके अलावा फ्रांस, जर्मनी, पेरू, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों ने विकलांगों और बुजुर्गों के साथ साथ कुछ विशेष वर्ग के लोगों को रिमोट वोटिंग की सुविधा दी है। 
 
हालांकि, अभी ये नहीं कहा जा सकता कि भारत में लागू की जाने वाली रिमोट वोटिंग व्यवस्था केवल कुछ विशेष वर्गों के लिए होगी या फिर सभी नागरिकों के लिए। रिमोट वोटिंग के लिए भी नागरिकों को अपने नजदीकी पोलिंग बूथ पर जाना पड़ सकता है। आगामी लोकसभा चुनावों के पहले  भारत में रिमोट वोटिंग सिस्टम आने की संभावनाएं हैं। 
 
वोट नहीं डालने वालों पर भी कसी जाएगी नकेल : जिस दिन क्षेत्र में मतदान होता है उस दिन लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 135बी के तहत सभी पंजीकृत मतदाताओं को अपने कार्यस्थल से एक दिन का विशेष अवकाश मिलता है। लेकिन, कई लोग ऐसे भी हैं जो इस लाभ का फायदा उठाने के बाद भी मतदान नहीं करते। चुनाव आयोग अब ऐसे लोगों पर भी नकेल कसने की तैयारी में है।
 
चुनाव आयोग केंद्र और राज्य सरकार के सभी विभागों, पब्लिक एंटरप्राइसेज और 500 से ज्यादा कर्मचारियों वाली निजी कंपनियों को इस बात की निगरानी करने की जिम्मेदारी देने वाला है कि ऐसे कितने कर्मचारी हैं, जो अवकाश होने के बावजूद मतदान नहीं करते। इस सम्बन्ध में निर्वाचन आयोग इन सभी संस्थाओं को पत्र लिखने की तैयारी में है। हाल ही में इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार चुनाव आयोग, अपने स्थानीय जिला चुनाव अधिकारियों के माध्यम से इन सभी विभागों को एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहेगा जो ऐसे कर्मचारियों पर नजर रखेंगे।