Syed Mushtaq Ali Trophy : रजत पाटीदार का अंतरराष्ट्रीय करियर उस तरह आगे नहीं बढ़ पाया जैसा वह चाहते थे लेकिन मध्य प्रदेश के बल्लेबाज को घरेलू मैचों के जरिये फिर से मौका हासिल कर भारतीय टीम की जर्सी पहनने का भरोसा है।
				  																	
									  
	 
	इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ पाटीदार छह पारियों में केवल 63 रन बना सके थे। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने हालांकि रणजी ट्रॉफी के शुरुआती चरण और मौजूदा सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 में प्रभावशाली प्रदर्शन किया है।
				  				  						
						
																							
									  
	पाटीदार ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल की पूर्व संध्या पर शनिवार को यहां कहा,  मुझे टेस्ट टीम में जगह बनाकर अच्छा लगा था। मुझे हालांकि कभी-कभी बुरा लगता है कि मैं मौके को भुना नहीं पाया। कभी-कभी चीजें आपके मुताबिक नहीं होतीं और यह ठीक है।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	
	
	
				  																	
									  
	पाटीदार ने अपनी असफलता स्वीकार कर ली है और उस निराशा को पीछे छोड़ चुके हैं।
	 
	उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि चीजों को स्वीकार करना सफलता की ओर बढ़ने का पहला कदम है। आपको यह स्वीकार करना होगा कि क्रिकेट यात्रा में असफलता मिलेगी। इसलिए, मेरे लिए इसका सामना करना और इससे सीखना महत्वपूर्ण है।
				  																	
									  
	 
	उन्होंने कहा, मैंने इसे स्वीकार कर लिया है और मैं आगे बढ़ रहा हूं। यह खेल का अहम हिस्सा है। मैं मौके को दोबारा बना सकता हूं।
				  																	
									  
	 
	इस 31 साल के खिलाड़ी ने घरेलू टूर्नामेंटों में लगातार रन बनाकर एक पहला कदम उठा लिया है। मध्यप्रदेश के कप्तान ने पांच रणजी ट्रॉफी मैचों में 53.37 की औसत से एक शतक और एक अर्धशतक के साथ 427 रन बनाए हैं।
				  																	
									  
	 
	वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के मौजूदा सत्र में अजिंक्य रहाणे (432) और बिहार के साकिबुल गनी (353) के बाद तीसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने नौ मैचों में 182.63 के स्ट्राइक रेट से चार अर्धशतक के साथ 347 रन बनाए हैं।
				  																	
									  
	 
	दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा कि उन्हें वापसी के लिए अपने कौशल पर भरोसा है । पाटीदार ने कहा, मैं बल्लेबाजी में अपने मजबूत पक्ष पर भरोसा कर उसी मुताबिक खेलने पर ध्यान दे रहा हूं। मैं बस उसी परिपाटी का पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं जो मैंने आईपीएल में किया था।
				  																	
									  
	 
	  उन्होंने कहा, मेरा मंत्र एक समय में एक गेंद खेलना है। मैं अपनी टीम के लिए प्रतिद्वंद्वी पर अपना प्रभाव डालने की कोशिश करता हूं। मैं बड़ा स्कोर बनाने की कोशिश नहीं करता। मैंने कभी उस पर ध्यान नहीं दिया।
				  																	
									  
	 
	पाटीदार को उस समय आत्मविश्वास भी मिला जब रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने उन्हें आईपीएल नीलामी से पहले बरकरार रखा। फॉफ डुप्लेसी के लिए नीलामी में बोली नहीं लगने के बाद वह टीम की अगुवाई करने की दौड़ में है।
				  																	
									  
	 
	उन्होंने कहा,  आरसीबी के लिए रिटेन (नीलामी से पहले टीम में बरकरार रखना) होने से आत्मविश्वास बढ़ा। आरसीबी एक बड़ी फ्रेंचाइजी है और मुझे आरसीबी के लिए खेलना पसंद है। अगर टीम का नेतृत्व करने का मौका मिलता है तो मुझे खुशी होगी। इस बारे में कोई भी फैसला  फ्रेंचाइजी पर निर्भर करता है।
				  																	
									  				  																	
									  
	पाटीदार के सामने हालांकि रविवार को मुंबई के खिलाफ सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में टीम को पहली बार खिताब दिलाने की चुनौती है।
				  																	
									  
	 
	मध्यप्रदेश की टीम ने इसी स्थल पर दो साल पहले मुंबई को छह विकेट से हराकर रणजी ट्रॉफी का खिताब जीता था। इस मैच में पाटीदार ने 122 रन बनाए थे। (भाषा)