ब्रिसबेन: इंग्लैंड के कप्तान जो रूट ने कहा कि उनकी टीम गाबा में आठ दिसंबर से शुरू होने वाली एशेज श्रृंखला में भारतीय टीम के प्रदर्शन से प्रेरणा लेगी जिसने इस साल के शुरू में यहां ऑस्ट्रेलिया के विजय अभियान को थामकर श्रृंखला जीती थी।
भारत ने इस साल जनवरी में गाबा में चौथे और अंतिम टेस्ट मैच में तीन विकेट से जीत दर्ज करके श्रृंखला 2-1 से अपने नाम की थी। यह ऑस्ट्रेलिया की गाबा में 35 साल में पहली हार थी और रूट ने कहा कि उनकी टीम इस श्रृंखला में कैसा रवैया अपनाएगी इसको लेकर उसका रवैया स्पष्ट है।
रूट ने यहां एशेज से जुड़े कार्यक्रम में कहा, 'भारत जिस तरह से अपने मजबूत पक्षों पर अडिग रहा, 'इंग्लैंड भी वही रणनीति अपनाएगा।'
उन्होंने कहा, 'भारत को श्रेय जाता है। उन्होंने पूरी श्रृंखला में बेजोड़ प्रदर्शन किया था तथा कई तरह से यहां का दौरा करने वाली टीमों के लिये अच्छा उदाहरण पेश किया था।'
ऑस्ट्रेलिया ने मैच से दो दिन पहले अपनी अंतिम एकादश घोषित कर दी जिससे इंग्लैंड के लिये रणनीति तैयार करने में कुछ आसानी होगी। इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया में आखिरी बार 2011 में एशेज जीती थी। उस टीम में उसके दोनों मुख्य तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्रॉड शामिल थे।
दौरा शुरु होने से पहले कप्तान की तरह ही मुख्य कोच सिल्वरवुड ने भी कहा था कि भारतीय टीम ने जिस फॉर्मूले के तहत ऑस्ट्रेलिया में विजय हासिल की उस ही पदचिन्हों पर चलते हुए वह अपनी टीम को आगे लेकर जाएंगे।
एशेज से पहले ऑस्ट्रेलिया में पंत के प्रदर्शन से प्रेरणा ले रहे हैं बटलरएशेज की तैयारी कर रहे इंग्लैंड के स्टार क्रिकेटर जोस बटलर भारतीय टीम के पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर आक्रामक विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत के पूरी तरह से निडर होकर खेलने के रवैये से प्रेरणा ले रहे हैं।
सिडनी और ब्रिसबेन में अंतिम दो टेस्ट में 24 साल के पंत की दो शानदार पारियों की बदौलत चोटों से जूझ रहे भारत ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए टेस्ट श्रृंखला जीती थी।
बटलर ने डेली टेलीग्राफ में अपने कॉलम में लिखा, पिछली सर्दियों में जब वे (भारत) वहां जीते थे तो ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैचों में मैंने एक खिलाड़ी को खेलते हुए देखने का लुत्फ उठाया जो ऋषभ पंत था। वह रक्षात्मक और आक्रामक पहलुओं के बीच जिस तरह अपना खेल बदल सकता है वह मुझे पसंद है। पूरी तरह से निडर रवैया।
उन्होंने कहा, कोई भी विकेटकीपर जो अधिक सकारात्मक होना पसंद करता है, वह ऋषभ को देख सकता है- उसकी मानसिकता और अपने खेल की योजना को लेकर प्रतिबद्धता, फिर वह आक्रामक होकर खेल रहा हो या रक्षात्मक होकर।
ऑस्ट्रेलिया पर भारत की 2-1 की जीत के दौरान पंत ने पांच पारियों में 68.50 की औसत से 274 रन बनाए थे।
जोस बटलर एशेज के लिए इंग्लैंड के दल में शामिल हैं। दो हफ्ते के नियमित क्वारंटीन के बाद वह ब्रिसबेन में आठ दिसंबर से शुरू हो रही पांच टेस्ट की श्रृंखला की तैयारी कर चुके हैं। उनका अंतिम ग्यारह में शामिल होना भी लगभग तय है।
आक्रामक बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाने वाले बटलर ने कहा कि अभ्यास सत्र के दौरान हालात से सामंजस्य बैठाना महत्वपूर्ण था क्योंकि वह ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट क्रिकेट खेलेंगे।
उन्होंने कहा, मैं आस्ट्रेलिया में एकदिवसीय और टी20 क्रिकेट खेला हूं लेकिन लाल गेंद से कोई क्रिकेट नहीं खेला। इसलिए महत्वपूर्ण था कि तैयारी के दौरान नेट्स पर और अभ्यास मैचों में परिस्थितियों को समझने का प्रयास करूं और तय करूं कि कौन से शॉट खेलने हैं, गेंद कितना सीम करेगी और हालात से सामंजस्य बैठाऊं।