पद पर बने रहने के लिए दादा और शाह की जोड़ी पहुंची सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम इस वक्त इंग्लैंड में है और वहां वनडे सीरीज़ खेल रही है। भारतीय टीम के खिलाड़ियों के अलावा बीसीसीआई से जुड़े बड़े अधिकारी और पूर्व क्रिकेटर भी इंग्लैंड में मैच देखते हुए दिखाई पड़े जिसमें अध्यक्ष सौरव गांगुली भी शामिल थे। इस सबसे इतर बीसीसीआई से जुड़ा एक अहम डेवलेपमेंट देश में हुआ है।
बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को बोर्ड में कार्यकाल पूरा होने को है, लेकिन बीसीसीआई की ओर से अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया गया है। बोर्ड का कहना है कि दोनों के कार्यकाल का जो कूलिंग ऑफ पीरियड है, उसे बढ़ाया जाना चाहिए।
बीसीसीआई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई है कि नियमों में संशोधन को लेकर जो बोर्ड ने याचिका दायर की है, उसकी सुनवाई जल्द होनी चाहिए। इस इस अपील पर चीफ जस्टिस एनवी. रमणा द्वारा कहा गया है कि वह देखते हैं कि क्या इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि बोर्ड की ओर से 2019 में ही एक याचिका सर्वोच्च अदालत में डाली गई थी, जिसमें बीसीसीआई के संविधान में संशोधन की अपील की गई थी। इस याचिका में बोर्ड की ओर से अध्यक्ष, सचिव और अन्य अधिकारियों के कूलिंग ऑफ पीरियड को बढ़ाने की मांग की गई थी, साथ ही संविधान से जुड़े कुछ अन्य नियमों में बदलाव करने की इजाजत मांगी गई थी।
2019 में दादा ने ली थी बीसीसीआई की कमानगौरतलब है कि सौरव गांगुली और जय शाह ने अक्टूबर 2019 में अध्यक्ष और सचिव पद का कार्यभार संभाला था। दोनों का कार्यकाल वैसे तो तीन साल का होता है, जो सितम्बर 2022 में जाकर खत्म होगा। समय नज़दीक है लेकिन बीसीसीआई की ओर से अभी आगे की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है, इसी वजह से बोर्ड कूलिंग ऑफ पीरियड (कार्यकाल खत्म होने से नई प्रक्रिया पूरी होने तक) को बढ़ाने की मांग कर रहा है।
(वार्ता)