बैंकों के नकदी स्थानांतरण से जुड़े नियम हुए कड़े
मुंबई। बैंकों द्वारा नकदी स्थानांतरण के लिए नियुक्त किए जाने वाले सेवा प्रदाताओं से जुड़े नियमों को भारतीय रिजर्व बैंक ने और कड़ा कर दिया है। ऐसा उसने बैंकों की इस संबंध में आउटसोर्सिंग में बढ़ती निर्भरता को देखते हुए किया है।
नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, इस प्रकार की सेवा देने वाले सेवाप्रदाताओं की नेटवर्थ100 करोड़ रुपये होनी चाहिए और उनके पास नकदी लाने-ले जाने वाले कम से कम 300 विशेष वाहनों का बेड़ा होना चाहिए। केंद्रीय बैंक ने एक परिपत्र में कहा कि सेवाप्रदाताओं या उनके सहयोगी अनुबंधियों द्वारा संभाली जाने वाली नकदी बैंक की संपत्ति रहेगी और उससे जुड़े सभी जोखिमों के लिए बैंक जिम्मेदार होगा।
इससे जुड़ी आकस्मिक घटनाओं से निपटने के लिए बैंकों को अपने निदेशक मंडलों से अनुमति प्राप्त एक उपयुक्त कारोबार निरंतरता योजना को लागू करना होगा। आरबीआई ने बैंकों से अपनी मौजूदा व्यवस्था की समीक्षा करने और 90 दिन के भीतर उसे नए दिशानिर्देशों के तहत लाने के लिए कहा है।
परिपत्र के अनुसार नकदी लाने-ले जाने वाले हर वाहन में जीपीएस की सुविधा होनी चाहिए और उसकी वास्तविक समय में निगरानी की जानी चाहिए। साथ ही उनके मार्ग में पड़ने वाले नजदीकी पुलिस स्टेशन के संकेतक भी उसमें होने चाहिए।
इनमें ट्यूबलेस टायर होने चाहिए और ऐसे वाहनों के रात में परिवहन को हतोत्साहित किया जाना चाहिए। वाहनों को समान मार्ग का अनुसरण नहीं करना चाहिए और इनमें वायरलेस मोबाइल कम्युनिकेशन और हूटर की सुविधा भी होना चाहिए। (भाषा)