Gold and indian women : भारतीय महिलाओं की सोने में दिलचस्पी किसी से छिपी नहीं है। गहनों के मामले में सोना हमेशा से ही महिलाओं की पहली पंसद रहा है। शादी-ब्याह के सीजन में देश में सोने की मांग काफी बढ़ जाती है। 1923 में जो सोना 18 रुपए प्रति 10 ग्राम था अब उसकी कीमत 77,000 रुपए हो गई। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने भी भारतीय महिलाओं के सोने के प्रति आकर्षण का लोहा माना है।
अमेरिका के पास 8,000 टन सोना, जर्मनी के पास 3,300 टन, इटली के पास 2,450 टन, फ्रांस के पास 2,400 टन और रूस के पास 1,900 टन सोना है। इस तरह भारतीय महिलाओं के पास शीर्ष पांच देशों के संयुक्त स्वर्ण भंडार से भी कही ज्यादा सोना है। वहीं नवंबर के अंत में देश का गोल्ड रिजर्व बढ़कर 876.18 टन पर पहुंच गया। यह पिछले साल के मुकाबले 9 फीसदी ज्यादा है।
वित्त बाजार में इसे डेड एसेट माना जाता है। क्योंकि इसमें निवेश पर ना तो कोई ब्याज मिलता है और ना ही डिविडेंड। इसके बावजूद भी कई विशेषज्ञ इसे निवेशकों के पोर्टफलियो का अनिवार्य अंग मानते हैं।
कैसे 77,000 का हुआ 18 रुपए का सोना : 1923 में 10 ग्राम सोने की कीमत मात्र 18.35 रुपए प्रति 10 ग्राम था। 1933 में पहली बार यह 24 रुपए के पार पहुंचा। 1942 में इसकी कीमत 44 रुपए प्रति 10 ग्राम हो गई। 1947 में यह 88 रुपए पर पहुंच गया और 1960 में पहली बार गोल्ड 100 रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंचा।
1974 में सोना ने 500 रुपए स्तर को पार किया तो 1980 में यह 1000 के पार पहुंच गया। इसी वर्ष यह कुलांचें भरता हुआ 1330 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। 1996 में सोने की कीमत 5160 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। 2007 में सोना पहली बार 10 हजारी हुआ 2011 में सोना 26 हजारी हुआ। जुलाई 2020 में सोना पहली बार 50,000 पर पहुंचा था। मार्च 2023 में सोना 60 हजार के पार पहुंच गया। 2025 के दूसरे दिन देश में सोना करीब 77,000 रुपए प्रति 10 ग्राम मिल रहा है।
सोना क्यों माना जाता है सुरक्षित निवेश : भारतीयों को आदि काल से ही सोने में निवेश बेहद पसंद है। एक समय सोने और चांदी को मुद्रा के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। लोग सोने के गहने खरीदना भी खूब पसंद करते थे। यह संपन्नता का प्रतीक था। हर व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा सोने के गहने खरीदना चाहता था। म्यूचुअंड, गोल्ड ईटीएफ, डिजिटल गोल्ड, सॉवरेन गोल्ड सभी में निवेश के अलग अलग फायदे हैं। एक और इन गहनों से महिलाओं की सुंदरता में चार चांद लग जाते तो दूसरी तरफ मुश्किल समय में इसे बेंचकर अच्छा पैसा भी मिल जाता था। फिर लोगों ने गहनों के बजाए 24 कैरेट गोल्ड में निवेश करना पसंद किया। हालांकि महिलाएं अभी भी सोने के गहने पहनना पसंद करती है लेकिन यह निवेश नहीं कहा जाता। अब बाजार में डिजिटल सोना भी उपलब्ध है।
सोने पर क्यों है लोगों का भरोसा : भले ही वित्त जगत सोने को डेड असेट मानता हो पर आज भी आज लोगों में सोने के प्रति मोह कम नहीं हुआ है। हर घर में महिलाओं के पास सोने का एक ना एक आभूषण तो मिल ही जाएगा। इसकी वजह है इस पीली धातु पर भरोसा। लोग मानते हैं कि सोना बुरे वक्त का साथी होता है। मुश्किल हालात में इसे बेचकर या गिरवी रखकर आसानी से धन प्राप्त किया जा सकता है। साहूकारी के दौर में सोने को गिरवी रखकर पैसे देने का काम जोरों पर होता था। आज भी कई बैंक सोने पर लोन देने का काम करती हैं।
edited by : Nrapendra Gupta