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Written By नृपेंद्र गुप्ता
Last Updated : मंगलवार, 14 मार्च 2023 (14:19 IST)

अमेरिकी Bank collapse से बाजार में डोमिनो इफेक्ट, क्या 60,000 पार पहुंचेगा सोना?

अमेरिकी Bank collapse से बाजार में डोमिनो इफेक्ट, क्या 60,000 पार पहुंचेगा सोना? - Domino effect due to US bank collapse, will gold cross 60,000 mark
मंदी की आहट ने दुनियाभर के निवेशकों को डरा दिया है। 2 अमेरिकी बैंकों पर लगे ताले ने विश्वव्यापी मंदी का संकेत माना जा रहा है। सिलिकॉन वैली बैंक ने स्टार्टअप में निवेश किया था तो सिग्नेचर बैंक क्रिप्टो फ्रेंडली था। इस वजह से जहां शेयर बाजार समेत सभी वित्तिय संस्थानों में हड़कंप की स्थिति दिखाई दी। हालांकि अमेरिकी फेड के भरोसे की वजह से आज अमेरिकी समेत सभी शेयर बाजारों ने रिकवरी की। 
 
अमेरिकी बैंकिंग इतिहास की तीसरी सबसे बड़ी विफलता की वजह से बाजार में डोमिनो इफेक्ट दिखाई दे रहा है। इस वजह से निवेशकों का रुझान एक बार फिर सोने में बढ़ा है। MCX पर सोना इस समय 57483 पर है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह एक बार फिर 60,000 के स्तर के पार पहुंच सकता है।
 
वित्त विशेषज्ञ नितिन भंडारी ने कहा कि वैसे तो डूबने वाले बैंक अमेरिकी बैंक है, वहां का स्ट्रक्चर अलग है। सिलिकॉन वैली बैंक स्टार्टअप्स को फंडिग करता था। स्टार्टअप्स अधिकतर नुकसान में ही रहते हैं। बहुत कम स्टार्टअप्स वन और टेस्ला बन पाते हैं। इसी वजह से बैंक मुश्किल में आया। बैंकिंग में हर बैंक दूसरे बैंक से इंटरलिंक होता है। इस वजह से बाजार पर डोमिनो इफेक्ट है। लोग मान रहे हैं कि वहां समस्या है तो यहां भी समस्या आ सकती है। यह वैश्विक है और दुनिया के टॉप बैंक्स भी इससे प्रभावित है।
 
उन्होंने कहा कि हमारे भारतीय बाजार पर भी इसका असर पड़ा है। मंदी का माहौल है। यहां भी इंटरेस्ट रेट बढ़ गया है। कल का इनफ्लेशन डाटा आरबीआई के कंफर्ट झोन से ऊपर है। 6.4 आया है और आरबीआई के कंफर्ट झोन 6 से कम है। इस वजह से एक बार और इंटरेस्ट रेट बढ़ेगा। इस वजह से भी बाजार में मंदी है।
 
भंडारी ने बताया कि यह एक साइक्लॉजिकल इफेक्ट है। जब एक महामारी फैलती है और इस स्थ‍िति में पड़ोस में कोई बीमार हो जाता है तो हम सावधान हो जाते हैं। डर का माहौल क्रिएट हो जाता है। क्रिप्टो में कई प्लेयर हो गए हैं। हर कोई माइनिंग कर रहा है। हर कोई नया स्टार्टअप हो गया। इनमें इन बैंकों ने निवेश किया है। अमेरिकी रिस्क टेकर्स होते हैं। अगर वे रिस्क नहीं लेते तो आज टेस्ला इस जगह नहीं होता। इसने निवेशकों को काफी फायदा पहुंचाया। वैसे 90 प्रतिशत स्टार्टअप्स फेल हो जाते हैं। इसी वजह से हमें डोमिनो इफेक्ट दिखाई दे रहा है।
 
क्या सोना ऑल टाइम हाई जा सकता है : उन्होंने कहा कि गोल्ड को सेफ हेवन माना जाता है। जब भी दुनिया में कही आग लगती है तो व्यक्ति गोल्ड की तरफ भागता है। चलो गोल्ड ले लो अगर सब कुछ खत्म हो गया तो सोना तो है ही। भारतीयों के लिए सोना रुपए में डेप्रिशिएशन की वजह फायदे का सौदा माना जाता है। हर वर्ष रुपया औसतन 4 प्रतिशत की दर से डेप्रिशिएट करता है। इसलिए सोना एक निश्चित मात्रा में आपके पोर्टफोलियों में होना चाहिए।
 
एक अध्ययन के अनुसार, 50 साल का डाटा देखा जाए तो सोना साल में 12 प्रतिशत से ज्यादा रिर्टन नहीं देता है। मैं हमेशा लोगों एक निश्चित मात्रा में पोर्टफोलियों में सोना खरीदने की सलाह देता हूं। लेकिन एक ही स्क्रिप्ट में सारा निवेश नहीं होना चाहिए।

फाइनेंशियल एक्सपर्ट योगेश बागौरा ने बताया कि आगे सोने की चाल शीर्ष अमेरिकी बैंक फेड रिजर्व पर निर्भर करेगी। अगर बैंक स्पेशल पैकेज की घोषणा नहीं करता है तो सोने के दाम तेजी से बढ़ेंगे। इस स्थिति में यह 60,000 से पार भी जा सकता है। अगर पैकेज जारी होता है तो सोने के दाम ज्यादा नहीं बढ़ेंगे।