लगातार 7वीं बार रेपो रेट स्थिर, नहीं बदलेगी EMI, RBI Monetary Policy की 10 खास बातें
RBI Monetary Policy : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। यह लगातार सातवां मौका है जबकि रेपो दर में बदलाव नहीं किया गया है।
रेपो वह ब्याज दर है, जिसपर वाणिज्यिक बैंक अपनी तात्कालिक जरूरतों को पूरा करने के लिये केंद्रीय बैंक से कर्ज लेते हैं। आरबीआई मुद्रास्फीति को काबू में रखने के लिये इसका उपयोग करता है। रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने का मतलब है कि मकान, वाहन समेत विभिन्न कर्जों पर मासिक किस्त (EMI) में बदलाव नहीं होगा। मौद्रिक नीति की 10 खास बातें...
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रिजर्व बैंक ने लगातार 7वीं बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया।
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महंगाई को 4 प्रतिशत पर लाने और वैश्विक अनिश्चितता के बीच आर्थिक वृद्धि को गति देने के मकसद से नीतिगत दर को यथावत रखा गया।
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केंद्रीय बैंक ने 2024-25 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के 7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है।
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खुदरा मुद्रास्फीति के 2024-25 में 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान रखा गया।
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देश का विदेशी मुद्रा भंडार 29 मार्च को समाप्त सप्ताह में रिकॉर्ड 645.6 अरब डॉलर पर पहुंचा।
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भारत, विदेशों से भेजे जाने वाले मनी ऑर्डर के मामले में अगुवा बना हुआ है।
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बैंकों, NBFC, अन्य वित्तीय संस्थानों को कामकाज के संचालन को सर्वोच्च प्राथमिकता देना जारी रखना चाहिए।
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आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हमारा प्रयास स्थायी आधार पर मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करना है।
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भारतीय रुपया अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्रा की तुलना में काफी हद तक एक दायरे में। 2023 में इसमें सबसे कम अस्थिरता देखी गई।
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वैश्विक वृद्धि जुझारू बनी हुई है; कच्चे तेल की कीमतों में हालिया बढ़ोतरी पर कड़ी नजर रखने की जरूरत।
Edited by : Nrapendra Gupta