Last Modified: नई दिल्ली ,
मंगलवार, 21 अगस्त 2007 (14:30 IST)
ई-गवर्नेंस पूरी तरह से कागजविहीन होगा
अपने ई-गवर्नेंस प्रयासों को शत-प्रतिशत ऑनलाइन बनाने के अभियान के तहत कंपनी मामलों के विभाग (डीसीए) ने घोषणा की है कि वह अगले तीन-चार माहों में कंपनियों से स्टाम्प पेपर सहित सभी कागजात ऑनलाइन यानी इंटरनेट के जरिए ही स्वीकार करेगा।
उद्योग व्यापार संगठन 'एसोचैम' के कार्यक्रम के दौरान कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय में सचिव अनुराग गोयल ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से नब्बे फीसदी तक कागजात ऑनलाइन ही स्वीकार किए जा रहे हैं। उन्होंने घोषणा की कि कंपनी मामलों का विभाग कंपनियों से ऑनलाइन तरीके से स्टाम्प पेपर स्वीकार करने के मसले पर राज्य सरकारों से लगातार बातचीत कर रहा है क्योंकि स्टाम्प पेपर जारी करने का अधिकार उनके विभाग के पास है। गोयल ने कहा कि अधिकांश राज्यों ने डीसीए के अनुरोध को स्वीकार किया है लेकिन वह कानूनी औपचारिकताएँ पूरी करना चाहते हैं। कंपनी मामलों का विभाग अगले तीन-चार माहों में ई-गवर्नेंस को पूरी तरह सफल बनाने के लिए ऑनलाइन स्टाम्प पेपर भी जारी कर देगा।
उन्होंने बताया कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कार्पोरेट अफेयर्स स्थापना की जरूरी औपचारिकताएँ पूरी हो चुकी हैं। बहुचर्चित नए कंपनी अधिनियम के बारे में उन्होंने कहा कि इसका मसौदा तैयार हो चुका है और संसद की स्थायी समिति इसका आकलन कर रही है। आशा है कि संसद के शीतकालीन सत्र में इसे पारित कर दिया जाएगा। गोयल ने कहा कि नया अधिनियम काफी लचीला और आसान होगा।