दिल्ली चुनाव 2025: त्रिकोणीय मुकाबला या बहुमत का संकट? कौन बनेगा सत्ता का असली दावेदार?
Triangular Contest in Delhi Assembly Elections 2025: क्या इस बार दिल्ली में कोई स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा? क्या बीजेपी की बढ़त और 'आप' की गिरावट से कांग्रेस को नई संजीवनी मिल रही है? या फिर फ्रीबीज की राजनीति ही सबसे बड़ा फैक्टर बनेगी? दिल्ली चुनाव का समीकरण इस बार पूरी तरह बदलता नजर आ रहा है। इस बीच, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद 360 खापों ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है।
आप की सत्ता पर संकट? झुग्गी-बस्तियों में नाराजगी बढ़ी!
दिल्ली की राजनीति में आम आदमी पार्टी (आप) ने पिछले दो चुनावों में दबदबा बनाया, लेकिन इस बार झुग्गी-बस्तियों में असंतोष साफ दिख रहा है। सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) के सर्वे के मुताबिक, 2015 और 2020 में 70% दलित वोट (वाल्मीकि और जाटव) और 83% मुस्लिम वोट आप को मिले थे। लेकिन इस बार मतदाता आप से नाराज हैं।
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झुग्गियों में नागरिक सुविधाओं की कमी, साफ पानी की किल्लत और घर उजड़ने का डर लोगों को परेशान कर रहा है।
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हालांकि, कल्याणकारी योजनाओं के कारण कुछ वोटर अभी भी आप से जुड़े हुए हैं, लेकिन मोदी सरकार के झुग्गी न हटाने के वादे से बीजेपी भी सेंधमारी की कोशिश कर रही है।
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मुस्लिम मतदाता आप के हिंदुत्व के मुद्दे पर चुप रहने से नाराज हैं और कांग्रेस की ओर झुक सकते हैं।
बीजेपी की बढ़ती उम्मीदें, 23 साल का वनवास खत्म होगा?
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भाजपा ने दिल्ली में 1998 के बाद से विधानसभा चुनाव नहीं जीता, लेकिन इस बार वह आक्रामक प्रचार कर रही है।
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झुग्गी वोट बैंक पर नजर : पीएम मोदी की झुग्गी न हटाने की घोषणा से दलित और झुग्गीवासियों को लुभाने की कोशिश।
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मध्यवर्ग पर फोकस : केंद्र सरकार के बजट में टैक्स छूट (12 लाख तक कोई कर नहीं) से मध्यम वर्ग में भाजपा को फायदा हो सकता है।
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महिलाओं के लिए 2500 रुपए मासिक योजना : यह आप की 2100 रुपये वाली योजना को टक्कर देती है।
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केजरीवाल vs मोदी : भाजपा मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किए बिना सिर्फ मोदी के नाम पर चुनाव लड़ रही है।
कांग्रेस की वापसी? मुस्लिम और दलित वोट बैंक पर नजर!
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लंबे समय तक सत्ता से बाहर रही कांग्रेस अब दिल्ली में वापसी की उम्मीद कर रही है।
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मुस्लिम वोट बैंक : मुस्लिम समुदाय आप की निष्क्रियता से नाराज है और कांग्रेस की ओर झुक रहा है।
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फ्रीबीज में कांग्रेस भी पीछे नहीं : महिलाओं, छात्रों और बुजुर्गों के लिए आर्थिक मदद की घोषणाएं।
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त्रिकोणीय मुकाबला : कांग्रेस की मजबूती से त्रिकोणीय लड़ाई बन रही है, जिससे किसी को स्पष्ट बहुमत मिलने में दिक्कत हो सकती है।
पांच बड़े फैक्टर जो तय करेंगे दिल्ली का भविष्य
1️. मध्यवर्ग का रुख
•दिल्ली के 67% घर मध्यम वर्ग के हैं, जिनके लिए बजट की टैक्स छूट अहम मुद्दा हो सकता है।
•भाजपा को इससे फायदा मिल सकता है।
2️. दलित और मुस्लिम वोटर
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दलित (16.92%) – आप और भाजपा के बीच बंट सकते हैं।
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मुस्लिम (12.68%) – कांग्रेस की तरफ झुकाव, लेकिन आप भी कुछ हद तक पकड़ बनाए हुए।
3️. फ्रीबीज की राजनीति
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आप ने फ्री बिजली, पानी और नकद ट्रांसफर का वादा किया।
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भाजपा और कांग्रेस ने भी समान घोषणाएं कीं।
4️. महिला मतदाता (71.7 लाख)
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आप – 2100 रुपए प्रति माह
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भाजपा – 2500 रुपए प्रति माह
5️. चेहरा : केजरीवाल बनाम मोदी
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आप के लिए अरविंद केजरीवाल का सीधा चेहरा
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भाजपा मोदी के नाम पर वोट मांग रही है, लेकिन सीएम उम्मीदवार घोषित नहीं किया।
दिल्ली में इस बार मुकाबला कांटे का होता दिख रहा है।
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आप की स्थिति पहले जैसी मजबूत नहीं, लेकिन फ्रीबीज से उम्मीद बनी हुई है।
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भाजपा बढ़त बना रही है, लेकिन झुग्गीवासियों और दलितों में सेंध लगाना चुनौती।
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कांग्रेस मुस्लिम वोटों से वापसी कर सकती है, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय बन सकता है।
क्या दिल्ली इस बार किसी को स्पष्ट बहुमत देगी या फिर त्रिशंकु विधानसभा की ओर बढ़ रही है? 5 फरवरी को वोटिंग के बाद ही इस सवाल का जवाब मिलेगा! आपका क्या मानना है? क्या इस बार दिल्ली में नया राजनीतिक समीकरण बनेगा? कमेंट में अपनी राय दें!