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Written By ND

मोटापे की महामारी जानवरों को जा लगी

जानवरों को परेशान कर रहा है मोटापा

मोटापे की महामारी जानवरों को जा लगी -
क्या हमारे वातावरण में ही कुछ ऐसा हो रहा है कि इंसान तो इंसान, जानवर तक मोटे हो रहे हैं? प्रोसिडिंग्स ऑफ रॉयल सोसायटी बी में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार मोटापे में बड़े ही नाटकीय ढंग से वृद्धि हो रही है। ये परिणाम दर्शाते हैं कि मोटापे की महामारी उतनी साधारण या सीधी नहीं है, जैसा कि लोग सोचते हैं।

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यह किसी से छुपा नहीं है कि इंसानों में मोटापा अब महामारी का रूप ले चुका है। शोधकर्ताओं ने शारीरिक श्रम की कमी या अत्यधिक जंक फूड खाने की आदत जैसे सभी कारकों को ध्यान में रखा औऱ फिर यह निष्कर्ष निकाला कि इस तरह इंसानों और जानवरों में बढ़ रहे मोटापे के लिए पर्यावरण का कोई कारक भी जिम्मेदार हो सकता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ अलाबामा, बर्मिंघम के डेविड एलिसन और उनके सहकर्मियों ने उत्तरी अमेरिका की 8 अलग-अलग प्रजातियों की 24 बस्तियों के 20,000 से अधिक वयस्क जानवरों के शरीर के भार का अध्ययन किया। इसमें केवल उन स्तनधारियों को शामिल किया गया था, जिनका पिछले 50 सालों में दो बार वजन नापा जा चुका था और साथ ही जिनके वजन में न तो शोधकार्य के दौरान जान-बूझकर कोई छेड़छाड़ की गई थी और न ही वे किसी फीडिंग प्रोग्राम का हिस्सा थे।

इन 24 आबादियों में अनुसंधान कार्य के लिए सुरक्षित रखे गए प्राइमेट्स से लेकर बाल्टीमोर के जंगलों में पाए जाने वाले जंगली चूहे तक शामिल थे। इन सभी के वजन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। घरेलू जानवर भी इससे अछूते नहीं है। बिल्लियों के औसत वजन में प्रति दशक 3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। अध्ययन के दौरान ऐसे जीवों के शरीर के भार में भी बढ़ोतरी हुई, जिनके आहार की मात्रा अथवा शारीरिक गतिविधियों में कोई विशेष परिवर्तन नहीं आया था। एलिसन कहते हैं कि इस प्रकार अगर आहार में परिवर्तन और ऊर्जा असंतुलन मोटापे के लिए जिम्मेदार नहीं है तो अवश्य ही कुछ पर्यावरणीय कारक इसके पीछे हो सकते हैं।

हो सकता है कि इस शोध में शामिल जानवरों ने खाया अधिक और व्यायाम कम किया हो, जैसा कि अक्सर हम भी करते हैं। एलिसन स्वीकार करते हैं कि ऐसा संभव है पर साथ ही वे कहते हैं कि वैज्ञानिक इस बात का पूरा रिकॉर्ड रखते हैं कि अनुसंधान कार्य में लगे जानवरों को आखिर क्या खिलाया गया। आवास की परिस्थितियों को भी पिछले 50 सालों में बदला गया। पर्यावरणीय कारकों में एलिसन वातावरण में घुले जहर और वायरस को मुख्य मानते हैं।

बहुत से अध्ययनों में बिसफिनाल ए और कुछ टीनयुक्त यौगिकों का संबंध वजन बढ़ने से देखा गया है। इसी तरह वायरस, खास तौर से सामान्य जुकाम के एडिनोवायरस संक्रमण का संबंध भी जन में वृद्धि से देखा गया है। हालाँकि एलिसन मानते हैं कि आहार और व्यायाम मनुष्य और जानवरों के वजन बढ़ने में मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं, मगर हमें कुछ अन्य चीजों के लिए भी अपना दिमाग खुला रखना होगा। भोजन और व्यायाम के दायरे के बाहर भी कुछ तत्व हैं जो वज़न को प्रभावित करते हैं।