Last Modified: वॉशिंगटन ,
मंगलवार, 21 जून 2011 (09:46 IST)
बिगड़ रही है समुद्र की सेहत
लगातार बढ़ रहे प्रदूषण, समुद्रों से बड़ी मात्रा में मछली पकड़ने और इंसानों द्वारा खड़ी की गई अन्य परेशानियों के कारण धरती के जल स्त्रोत समुद्रों की सेहत अनुमान से कहीं ज्यादा तेजी से बिगड़ रही है।
हाल ही में आई एक नई रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने यह बात कही है। वैज्ञानिकों के एक वरिष्ठ पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, कई कारण एक साथ मिलकर समुद्र की सेहत को खराब कर रहे हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, जलवायु परिवर्तन और बाकि चीजें एक साथ मिलकर बहुत ज्यादा खतरनाक बन रही हैं। इन कारणों में समुद्र से बड़ी मात्रा में मछली पकड़ने के अलावा कार्बनडाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ने से पानी की अम्लीयता बढ़ना, समुद्री जीवों के प्राकृतिक निवास का बरबाद होना तथा समुद्री बर्फ का पिघलना शामिल है।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर में वैश्विक समुद्री कार्यक्रमों के निदेशक कार्ल लुंडीन का कहना है कि चीजें कई स्तर पर खराब हो रही हैं। इन्हीं के दल ने समुद्री जीवन पर यह रिपोर्ट तैयार की है।
कार्ल ने एक साक्षात्कार में कहा कि हम इन परेशानियों के कारण कई समुद्री जीवों को हमेशा के लिए खो रहे हैं। उन्होंने हिंद महासागर में मौजूद 1,000 वर्ष पुराने प्रवाल की मौत को बेहद अविश्वसनीय बताया।
रिपोर्ट के अनुसार कि अगर हम ऐसे ही अपने समुद्री जीवों को खोते रहे तो महज एक पीढ़ी के भीतर ही ‘कोरल रीफ्स (प्रवालों की जाति)’ पूरी तरह खत्म हो जाएगी। (भाषा)