उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक का मेगापिक्सल मेला
जर्मनी की राजधानी बर्लिन में उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक के विश्व के सबसे प्रमुख वार्षिक महामेले में दर्शक और प्रदर्शक एक बार फिर भविष्य को बूझने में उलझे हुए हैं। 6 से 11 सितंबर तक चल रहे इस मेले में, जिसे अब भी पिछली सदी के आरंभ में उसके जन्म के नाम 'अंतरराष्ट्रीय रेडियो प्रसारण प्रदर्शनी' के जर्मन प्रथमाक्षर संक्षेप "ईफा" के नाम से ही पुकारा जाता है, नवीनताओं की इतनी भरमार है कि दर्शक को आज तक जो चीजें बिल्कुल आधुनिक लग रहीं थीं, अब प्राचीन लगने लगती हैं।जिस HD TV (हाई डेफिनिशन टेलीविजन) की कल तक धूम थी और जो अभी घर-घर पहुंच भी नहीं पाया है, "ईफा" को देख कर लगता है कि उसे अब कूड़े के ढेर पर फेंक देना चाहिए। UHD (अल्ट्रा हाई डेफिनिशन) टेलीविजन के सामने, जिसे 4K HD TV भी कहा जाता है, अब तक के HD TV की चमक-दमक और खूबियां पानी भरती नजर आती हैं।अल्ट्रा हाई डेफिनिशन टीवी UHD/4K : संसार का पहला UHD टेलीविज़न अभी पिछले ही वर्ष बर्लिन के इसी मेले में दिखाया गया था। लेकिन, इस बार तो निर्माता कंपनियों के बीच एक से बढ़ कर एक UHD मॉडल पेश करने की होड़-सी लग गई है। उन के आगे 3D (त्रि-आयामी) टेलीविजन को भी कोई घास नहीं डाल रहा। त्रि-आयामी टेलीविजन का जोश तीन-चार साल में हीं ठंडा पड़ गया है। लोग विशेष त्रि-आयामी चश्मा लगा कर सिनेमाघर में कोई फिल्म तो देख लेते हैं, लेकिन घरेलू टीवी के सामने यह चश्मा लगा कर बैठना उन्हें अटपटा लगता है। UHD या 4K TV की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उस के पर्दे पर जो तस्वीर बनती है, उसके चित्रबिंदुओं (पिक्सल) की संख्या फुल HD TV (1920 X 1080 = 2073600 पिक्सल) की अपेक्षा चार गुना (4K) अधिक, यानी 3840 X 2160 = 83 लाख पिक्सल होती है। इस से तस्वीरों में चार गुना अधिक बारीकियों भरा निखार और तीसरे आयाम का आभास देती एक ऐसी गहराई-सी आ जाती है, जिसके आगे वास्तविक तीसरे आयाम की विशेष जरूरत महसूस नहीं होती, हालांकि UHD टेलीविजन भी 3D सुविधा से लैस हैं। दो मीटर बड़े टीवी पैनल : दूसरी विशेषता यह है कि HD की अपेक्षा चार गुना अधिक बारीकियों को यदि बारीकी से देखना है, तो या तो दर्शक को टीवी-स्क्रीन वाले पैनल के बहुत पास बैठना होगा, या स्क्रीन इतना बड़ा होना चाहिए कि उससे दूर बैठकर भी उन बारीकियों का आनन्द लिया जा सके।दूसरे शब्दों में, अब ऐसे बड़े-बड़े पैनल और पर्दे सामान्य हो जाएंगे, जो डेढ़ मीटर से भी अधिक चौड़े हैं। ढाई-तीन मीटर दूर बैठ कर भी उन का भरपूर मजा लिया जा सकेगा। इस समय सामान्य HD TV के पर्दे के आकार की तुलना में उससे तीन गुना दूर बैठने की सलाह दी जाती है। UHD TV के प्रसंग में आदर्श दूरी डेढ़ गुना हुआ करेगी। छोटे आकार के टीवी सेट के लिए UHD का कोई तुक नहीं है। इसलिए निर्माता एक से एक बड़े पर्दे वाले सेट बाज़ार में ला रहे हैं। उदाहरण के लिए, सैमसंग का सबसे बड़ा UHD TV दो मीटर चौड़ा और 1.60 मीटर ऊंचा है।उसकी कीमत भी वैसी ही विशालकाय हैः 35 हजार यूरो (इस समय 1 यूरो = 86.5 रुपए की दर पर लगभग सवा 30 लाख रुपए)। दक्षिण कोरिया की ही एलजी कंपनी के दो मीटर विकर्ण (डायगनल) आकार के सेट की कीमत 20 हज़ार यूरो (लगभग सवा 17 लाख रुपए) बताई गई।जहां तक कीमत का प्रश्न है, चीनी कंपनी हिसेन्से सभी नामी कंपनियों को कड़ी टक्कर देती लगती है। उसके 130 सेंटीमीटर विकर्ण वाले सेट की कीमत दो हजार और 151 सेंटीमीटर विकर्ण वाले सेट की कीमत तीन हज़ार यूरो होगी।
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