J&K : राजौरी में रहस्यमयी बीमारी का खौफ, 17 लोगों की मौत, आइसोलेशन में रह रहे ग्रामीणों ने किया हंगामा
Mysterious disease case in Rajouri : जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बड़हाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से 17 लोगों की मौत के बाद पृथकवास केंद्रों में रखे गए ग्रामीणों ने बृहस्पतिवार को विरोध प्रदर्शन किया और अपने घर लौटने की अनुमति दिए जाने की मांग की। प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने कहा कि उनके गांव के 17 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन अब तक इसकी वजह का पता नहीं लगा पाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीमारी के कारण का पता लगाने के बजाय सैकड़ों ग्रामीणों को पृथक-वास केंद्रों में भेज दिया गया है। गांव में 700 से अधिक मवेशियों की देखभाल के लिए सरकार ने 8 टीमें तैनात की हैं।
ग्रामीणों ने अपने पशुओं को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि देखभाल के अभाव में उनके मवेशी मरने की कगार पर हैं। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के साथ बातचीत की। सीमावर्ती गांव के निवासियों को 12 दिन पहले एहतियातन पृथकवास केंद्रों में भेजा गया था।
पुलिस और चिकित्सा विशेषज्ञों की व्यापक जांच के बावजूद रहस्यमयी मौत के पीछे का कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय खाद्य श्रृंखला में न्यूरोटॉक्सिन संदूषण की आशंका के कारण प्रभावित परिवारों और उनके संपर्क में आए लोगों को पृथकवास में भेजा गया था।
उन्होंने बताया कि सीमावर्ती जिले में प्रशासन ने बुधवार देर रात कार्रवाई करते हुए सभी कीटनाशकों, रासायनिक खाद और कीटनाशक दुकानों की औचक जांच की और अगले आदेश तक इन्हें बंद करने का फैसला लिया। अधिकारियों ने बताया कि रहस्यमयी बीमारी से बीमार पड़े 11 मरीजों को राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो चुके है औऱ उन्हें सोमवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
इस बीच, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली के डॉक्टरों की पांच सदस्यीय टीम ने शुक्रवार से रविवार तक राजौरी में मरीजों की जांच की और विभिन्न नमूने एकत्र किए। सूत्रों ने बताया कि सरकारी मेडिकल कॉलेज राजौरी के डॉक्टरों ने प्रभावित मरीजों को 'एट्रोपिन' नामक जहर निरोधक दवा दी थी। बड़हाल गांव अब भी निषिद्ध क्षेत्र में है और 79 परिवार पृथकवास में हैं।
गांव में 700 से अधिक मवेशियों की देखभाल के लिए सरकार ने 8 टीमें तैनात की हैं। ये टीमें मवेशियों के भोजन, पानी और चिकित्सा आवश्यकताओं का ध्यान रख रही हैं। अधिकारियों के मुताबिक, गांव के शेष 808 घरों, जिनमें करीब 3,700 लोग रहते हैं, उनकी सुरक्षा के लिए गांव को 14 क्लस्टर में विभाजित किया गया है। प्रत्येक क्लस्टर की निगरानी के लिए 182 अधिकारियों वाली बहु-विभागीय टीमें तैनात की गई हैं। (भाषा) (File Photo)
Edited By : Chetan Gour