वंशवाद की बेल, कई नेताओं के बच्चे भी हैं कश्मीर के चुनाव मैदान में
पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती भी पहली बार चुनाव लड़ रही ऐसी ही एक उम्मीदवार हैं। तीसरी पीढ़ी के राजनेता उमर अब्दुल्ला अपने पिता फारूक अब्दुल्ला और दादा शेख मुहम्मद अब्दुल्ला के नक्शेकदम पर चल रहे हैं।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के महासचिव अली मुहम्मद सागर के बेटे सलमान सागर और पूर्व स्पीकर मुहम्मद अकबर लोन के बेटे हिलाल अकबर लोन भी अपनी पारिवारिक परंपराओं को जारी रख रहे हैं।
इसी तरह से अपनी पार्टी के मुहम्मद दिलावर मीर के बेटे यावर मीर पहले रफियाबाद से विधायक रह चुके हैं। मारे गए अब्दुल गनी लोन के बेटे सज्जाद गनी लोन और शिया धर्मगुरु मौलवी इफ्तिखार अंसारी के बेटे इमरान अंसारी भी दावेदार हैं।
यही नहीं, दिवंगत बशीर अहमद वानी के बेटे नासिर असलम वानी और गुलाम कादिर परदेसी के बेटे अहसान परदेसी एनसी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। दिवंगत सादिक अली के बेटे तनवीर सादिक और पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम रसूल कर के बेटे इरशाद रसूल कर भी उम्मीदवारों में शामिल हैं।
नेकां नेता मुहम्मद शफी उड़ी के बेटे सज्जाद शफी उड़ी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। गुलाम मोहिउद्दीन कर्रा की विरासत को आगे बढ़ाने वाले तारिक हमीद कर्रा और गुलाम अहमद मीर के बेटे रफी अहमद मीर भी मैदान में हैं।
जम्मू और कश्मीर के 2019 में केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठित होने के बाद से ये चुनाव पहली बार होंगे, जो 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को तीन चरणों में होंगे और नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
Edited by : Nrapendra Gupta