चेन्नई को बड़ा झटका, पसली की चोट के चलते IPL 2022 से बाहर हुए रविंद्र जड़ेजा
मुम्बई: पसली की चोट के कारण रवींद्र जडेजा के लिए आईपीएल का यह सीज़न समाप्त हो गया है। जडेजा जिन्होंने सीज़न के मध्य में चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़ दी थी, उन्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के ख़िलाफ़ खेले मुक़ाबले में डीप में कैच पकड़ते समय चोट लग गयी थी। जडेजा ने उस मुक़ाबले में खेलना जारी रखा था। हालांकि दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ खेले पिछले मुक़ाबले में उन्हें बेंच पर बैठने पर मजबूर होना पड़ा।
चेन्नई के सीईओ कशी विश्वनाथन ने इस बात की पुष्टि की कि फ्रैंचाइज़ी और जडेजा दोनों का मानना था कि इस चोट से उबरने की प्रक्रिया आईपीएल के बाहर ही उचित है। उन्होंने कहा, "उनकी पसली में चोट लगी है और मेडिकल सलाह के अनुसार इस वक़्त उन्हें आराम की ज़रूरत है। इसी के चलते उन्हें आईपीएल से बाहर रखने का निर्णय लिया गया है।"
आईपीएल 2012 के सीज़न से चेन्नई के लिए खेल रहे जडेजा के लिए यह सिर्फ़ दूसरा अवसर था जब उन्हें चेन्नई के किसी मुक़ाबले से बाहर होना पड़ा था। इससे पहले वह 2019 में मुंबई इंडियंस के ख़िलाफ़ खेले मुक़ाबले से बाहर रहे थे। महेंद्र सिंह धोनी भी उस मैच में चेन्नई का हिस्सा नहीं थे। जडेजा इस वक़्त अपने करियर के चुनौतीपूर्ण दौर से गुज़र रहे हैं। सीज़न की शुरुआत से ठीक दो दिन पहले जडेजा को टीम की कमान सौंपी गयी। हालांकि जडेजा ने कहा था कि उनके सामने में एक बड़े रिक्त स्थान को भरने की चुनौती है लेकिन अभी भी धोनी उनके साथ मौजूद हैं जिस वजह से वह आत्मविश्वास से लैस हैं।
बतौर कप्तान जडेजा के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि उन्होंने 2007 में भारतीय युवा टीम का नेतृत्व करने के अलावा कभी भी किसी सीनियर टीम की कप्तानी नहीं की थी। हालांकि जडेजा के अपार अनुभव और मैच विनिंग क्षमता ने उन्हें कप्तानी के लिए सबसे बेहतर विकल्प बनाया था। ख़ुद टीम के मालिक एन श्रीनिवासन ने भी जडेजा में भरोसा जताया था। जडेजा इस सीज़न में जब आए थे तब हाल ही में वह आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में नंबर एक ऑलराउंडर बने थे। आईपीएल के पिछले दो सीज़न में फ़िनिशर का तमगा भी उनके सिर सज गया था। 2020 और 2021 में जाडेजा ने 57 के औसत और 157 के स्ट्राइक रेट से 459 रन बनाए थे।
हालांकि कप्तानी के बोझ का असर जडेजा के खेल में साफ तौर पर झलकने लगा। जडेजा की कप्तानी में चेन्नई को सिर्फ़ दो मुक़ाबले में जीत मिली जबकि छह मुक़ाबले में उन्हें हार का स्वाद चखना पड़ा, लेकिन उनके कप्तानी छोड़ने के बाद चेन्नई ने पिछले तीन में से दो मुक़ाबले अपने नाम किए हैं। चेन्नई के लिए प्लेऑफ़ की उम्मीदें अब भी बरकरार हैं। कप्तानी से परे एक बल्लेबाज़ और फ़ील्डर के तौर पर भी जडेजा का प्रदर्शन काफ़ी निराशाजनक रहा।
जडेजा ने इस सीज़न 10 पारियों में 116 रन बनाए। इस दौरान उनका औसत 19 और स्ट्राइक रेट 118 का रहा। इसमें दो डक भी शामिल हैं। गेंदबाज़ी में भी उनके नाम सिर्फ़ पांच विकेट हैं, जो उन्होंने 33 ओवरों में लगभग 50 के औसत से लिए हैं। सबसे ज़्यादा खटकने वाली बात फील्डिंग में उनका प्रदर्शन है। विश्व के सर्वश्रेष्ठ फ़ील्डरों में से एक माने जाने वाले जडेजा ने इस सीज़न में कुल चार कैच टपका दिए।
एक मई को सनराइज़र्स हैदराबाद के ख़िलाफ़ खेले मुक़ाबले में चेन्नई की दोबारा कप्तानी शुरु करने वाले धोनी ने मैच के बाद ब्रोडकास्टर से कहा, "टीम की कमान बदलते समय यह तय किया था कि मैं पहले दो मैचों में फील्डिंग सहित खेल के तमाम पहलुओं पर नज़र रखूंगा, लेकिन इसके बाद टीम को पूरी तरह से जडेजा को ही लीड करना होगा क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि ऐसा महसूस हो कि टीम का नेतृत्व कोई और कर रहा है। एक कप्तान के तौर पर आपको कई अहम निर्णय लेते हों और उनकी जवाबदेही भी आपकी ही होती है।"
(वार्ता)