क्या होता है बायो सेक्योर बबल? कैसे IPL में खिलाड़ियों को बचाएगा COVID-19 से?
क्रिकेट के सबसे पारंपरिक प्रारूप के जरिए खेल के नए युग का सूत्रपात इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज की टेस्ट श्रंखला से हो गया था। जुलाई से लेकर अब तक कुल 4 अंतरराष्ट्रीय द्विपक्षीय श्रंखलाए खेली जा चुकी है। यह सभी श्रंखलाएं इंग्लैंड में हुई लेकिन अब कोरोना काल में संयुक्त अरब अमीरात में आईपीएल खेला जाना है। अत: इस टूर्नामेंट का बायो सेक्योर बबल किसी भी द्विपक्षीय श्रंखला से खासा बड़ा होने वाला है।
आइए जानते हैं कि यह बायो सेक्योर बबल होता क्या है?
बायो सेक्योर बबल इसका हिंदी में अर्थ है जैव सुरक्षा वातावरण। इसका नाम सुनकर लोग सोचते हैं कि एक बड़े बबल में खिलाड़ी क्रिकेट खेलेंगे लेकिन ऐसा नहीं है। कोविड से रोकथाम के लिए बनाए गए नियम को बायो सेक्योर बबल कहा जाता है। इसके दायरे में खिलाड़ी, कोच, उनका सपोर्ट स्टाफ भी आता है। जितनी ज्यादा टीमें उतना बड़ा यह बबल। यही कारण है कि खिलाड़ियों को उनके वैग्स यानि कि पत्नी या प्रेमिका या फिर परिवार के अन्य किसी सदस्य को साथ दुबई ले जाने की अनुमति नहीं मिली। जैसे ही खिलाड़ी टूर्नामेंट के लिए एयरपोर्ट पर उतरते हैं यह बायो सेक्योर बबल सक्रिय हो जाता है। एयरपोर्ट पर लैंड करते ही खिलाड़ियों को 2 हफ्ते तक क्वारंटीन होना पड़ता है।
इसके बाद ही वह खेल का अभ्यास शुरु कर सकते हैं। लेकिन इस दौरान वह मैदान से सीधा होटल रूम ही जा सकेंगे। आईपीएल शुरु होने के बाद भी यह नियम ही लागू होगा। इसके बाद भी सभी खिलाड़ियों की हफ्ते में दो बार कोरोना जांच होगी। बबल का पूर्ण उद्देश्य यह है कि खिलाड़ी का किसी भी अनजाने व्यक्ति से संपर्क न हो जिससे कोविड संक्रमण का खतरा न के बराबर हो। बबल से बाहर निकलने पर क्या होगा हाल ही में हुई इंग्लैंड बनाम वेस्टइंडीज की टेस्ट श्रंखला में बायो सेक्योर बबल व्यवस्था लागू हुई थी। इसके उल्लंघन पर इंग्लैंड जोफरा आर्चर को दूसरे टेस्ट मैच से बाहर कर दिया गया था।
प्रोटोकॉल तोड़ने के कारण जोफ्रा आर्चर को 5 दिनों तक एकांतवास में भेजा था, जिसके दौरान उनका 2 बार कोरोना वायरस का टेस्ट किया जाएगा। दोनों बार उनकी रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें तीसरे टेस्ट के अंतिम ग्यारह में जगह मिली थी। आईपीएल के लिए भी यह ही नियम लागू रहेगा। अगर किसी खिलाड़ी ने अपने किसी दोस्त, परिवार वाले या होटल स्टाफ के अलावा किसी अनजान व्यक्ति से मुलाकात की तो उसे एकांतवास में रखा जाएगा और दो बार कोरोनावायरस रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही मैदान पर खेलने का मौका मिलेगा।
इस बार आईपीएल एकदम अलग होगा न मैदान पर खिलाड़ियों में जोश भरने वाले दर्शक नहीं होंगे, बॉल बॉय भी नहीं रहेंगे, खिलाड़ी गले भी नहीं मिल सकेंगे। देखना दिलचस्प होगा कि बायो सेक्योर बबल में ढलने के लिए खिलाड़ी कितना वक्त लेते हैं?