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Last Modified: सना , बुधवार, 19 दिसंबर 2018 (18:42 IST)

मां की ममता के आगे झुक गए ट्रंप, आखिरी बार बेटे को गले लगाने अमेरिका जाएगी शायमा

मां की ममता के आगे झुक गए ट्रंप, आखिरी बार बेटे को गले लगाने अमेरिका जाएगी शायमा - Yemeni mother granted waiver from Trump's travel ban
सना। आखिरकार एक मां की ममता के आगे ट्रंप प्रशासन को झुकना पड़ा और अपने बेटे को आखिरी बार चूमने की हसरत संजोए इस मां की जिद ने ट्रंप प्रशासन को यमन पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध में रियायत देने पर मजबूर कर दिया।
 
यमनी महिला अल शायमा स्विलेह अपने बेटे की मौत से पहले उसे आखिरी बार चूमना चाहती थीं।
 
उनकी यह ख्वाहिश अब पूरी होने वाली है, क्योंकि उन्होंने लंबी लड़ाई के बाद ट्रंप प्रशासन से यात्रा में रियायत की इजाजत ले ली है। इसलिए अब वह कैलिफोर्निया जाकर अपने दो साल के मासूम बेटे से मिल सकेंगी। शायमा का बेटा जीवन रक्षक प्रणाली पर है।
 
रियायत पाने के लिए परिवार ने करीब एक बरस तक कानूनी लड़ाई लड़ी। पिछले सप्ताह काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस के वकीलों के मुकदमे के बाद आखिरकार अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को स्विलेह को यह छूट दे दी।
 
स्विलेह का बेटा अब्दुल्ला ऑकलैंड में यूसीएसएफ बेनिऑफ चिल्ड्रेंस हॉस्पिटल में भर्ती है जिसे देखने के लिए वह बुधवार को सैन फ्रांसिस्कों के लिए उड़ान भरने की योजना बना रही हैं।
 
काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस के सैक्रामेंटो खंड द्वारा उपलब्ध बच्चे के पिता अली हसन के बयान के अनुसार, इससे अब हम इज्जत से मातम कर सकेंगे। 
 
हसन अमेरिकी नागरिक हैं और वह स्टॉकटॉन में रहते हैं। हसन, मस्तिष्क संबंधी अनुवांशिक बीमारी से जूझ रहे अपने बेटे को बेहतर उपचार के लिए कैलिफोर्निया लेकर आए थे।
 
वीजा की अनुमति मिलने से एक दिन पहले सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए हसन ने सार्वजनिक अपील की। पत्रकारों के सामने वह फूट-फूट कर रो पड़े, उन्होंने कहा, मेरी बीवी मुझे रोज फोन करती है। वह अपने बेटे को चूमना चाहती है और बेटे के आखिरी वक्त में उसे अपने सीने से लगाना चाहती है। 
 
युद्धग्रस्त यमन में 2016 में शादी के बाद यह दंपति मिस्र आ गया। हसन 2017 से ही स्विलेह के लिए वीजा की कोशिश कर रहे थे ताकि दोनों कैलिफोर्निया आकर रह सकें।
 
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लागू यात्रा प्रतिबंध के तहत उत्तर कोरिया एवं वेनेजुएला सहित यमन एवं चार अन्य मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका आने पर प्रतिबंध है।
 
हसन ने सैक्रामेंटो बी अखबार के साथ साक्षात्कार में कहा, मैं उन्हें ई-मेल करता, रोता और बताता कि मेरा बेटा मर रहा है। उन्होंने कहा, मैं नाउम्मीद हो गया था और बेटे को पीड़ा से मुक्ति दिलाने के लिए मैंने उसे जीवन रक्षक प्रणाली से हटवाने की सोच ली थी। तभी अस्पताल में एक सामाजिक कार्यकर्ता ने काउंसिल से संपर्क किया।
 
सैक्रामेंटो में काउंसिल के बासिम एल्कारा ने बताया कि स्विलेह महीनों अपने बच्चे से दूर रहीं। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता रॉबर्ट पालाडिनो ने इसे बेहद दुखद मामला बताया और कहा कि दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं परिवार के साथ हैं। (भाषा)
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