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Written By WD
Last Updated : गुरुवार, 7 जनवरी 2016 (15:39 IST)

वेश्यावृत्ति के आरोप में 'शरिया कोर्ट' ने जिन्दा दफनाया, दर्दनाक मौत

वेश्यावृत्ति के आरोप में 'शरिया कोर्ट' ने जिन्दा दफनाया, दर्दनाक मौत - Woman stoned to death by Al-Qaeda court
यमन के दक्षिणी-पूर्वी शहर में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। वेश्यावृत्ति में संलिप्त होने के आरोप में आतंकी संगठन अलकायदा ने एक महिला पर पत्थर बरसाकर उसकी हत्‍या कर दी। अलकायदा की शरिया कोर्ट ने महिला पर व्यभिचार और वेश्यावृत्ति का आरोप लगाया था। महिला को दी गई सजा के तहत उसे सरेआम गले तक जमीन में दफनाया गया और उसके बाद उस पर तब तक पत्थर बरसाए गए, जब तक कि उसकी मौत नहीं हो गई। 
घटना अल-मुक्ल्ला के शहर की है, यह शहर पिछले अप्रैल से अलकायदा के कब्जे में है। एक चश्मदीद के मुताबिक आतंकियों ने महिला को सेना की एक इमारत के आंगन में सजा दी। 

क्या होती है संगसार सज़ा :
इस्लामिक शरिया कानून के मुताबिक पुरुष या महिला अगर अपने शादीशुदा साथी के अलावा किसी और से यौन संबंध स्थापित करते हैं, तो उनको पत्थर मारकर मौत की सजा देने का प्रावधान हैं। वहीं अगर आरोपी अविवाहित हैं तो उन्हें कोड़ों की मार झेलनी पड़ती है।

जब महिला को सजा दी गई थी, तब भारी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर मौजूद थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि पहले ऐसी सजा किसी को नहीं दी गई, उन्होंने ऐसी सजा पहली बार देखी है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आतंकियों ने एक स्थानीय शरिया कोर्ट के फैसले की कॉपी पेश की थी जिसमें कहा गया था कि शादीशुदा महिला ने जज के सामने कबूल किया है कि वह वेश्यावृत्ति और व्यभिचार जैसी गतिविधियों में संलिप्त थी। साथ ही फैसले में कहा गया था कि महिला ने खुद स्वीकारा है कि वह वेश्यावृत्ति के लिए दलाली का काम करती थी और चरस भी पीती थी। 
 
शादीशुदा होने के बाद भी व्यभिचार जैसी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में महिला को पत्थरों से मारने की सजा दी गई थी। इस्लामिक शरिया कानून के मुताबिक पुरुष या महिला अगर अपने शादीशुदा साथी के अलावा किसी और से यौन संबंध स्थापित करते हैं, तो उनको पत्थर मारकर मौत की सजा देने का प्रावधान हैं, वहीं अगर आरोपी अविवाहित हैं तो उन्हें कोड़ों की मार झेलनी पड़ती है। संगसार या पत्थर से मारकर मौत की सजा देने का प्रावधान मध्य-पूर्व के आतंकी समूह नियंत्रित क्षेत्रों में है। इसके अलावा आईएस नियंत्रित सीरिया और इराक के क्षेत्रों में भी सजा का ऐसा प्रावधान देखने को मिलता है।