लहरों ने तबाह की वेनिस की खूबसूरती, 50 सालों के इतिहास में सबसे भयावह जलप्रलय
इटली का खूबसूरत शहर वेनिस इन दिनों बाढ़ से पूरी तरह डूबा हुआ है। वेनिस की खूबसूरती को इतिहास के दूसरे सबसे बड़े ज्वार ने तबाह कर दिया है। बाढ़ के कारण 2 लोगों की मौत हो गई है। बाढ़ की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ऐतिहासिक बेसिलिका सहित कई गली-मोहल्ले पूरी तरह से पानी में डूब गए हैं।
बाढ़ की भयावहता को देखते हुए सरकार आपातकाल भी लगा सकती है। वेनिस की इस तबाही के पीछे जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार माना जा रहा है। वेनिस का यह मंजर दुनिया के देशों के लिए एक चेतावनी भी है। यह एक ऐसी समस्या है जिसका विश्व के सभी देशों को मिलकर सामना करना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो वेनिस जैसी प्राकृतिक आपदा अन्य देशों में भी देखने को मिल सकती है।
50 वर्षों के इतिहास में वेनिस में यह भयानक बाढ़ का भयानक मंजर है। शहर के 85 प्रतिशत इलाके पानी में डूबे हुए हैं। वेनिस के मेयर ने बुधवार को पूरे शहर को आपदाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया। अधिकारियों के अनुसार स्थानीय समयानुसार मंगलवार रात 10 बजकर 7 मिनट पर समुद्र में 6 फीट 2 इंच (187 सेमी) ऊंची लहरें उठीं। यह 1966 के 194 सेमी ऊंची लहरों की तुलना में कुछ ही कम थीं।
इन लहरों की चपेट में आकर शहर का सेंट मार्क्स स्क्वायर और उसके बगल में स्थित बेसिलिका पानी में डूब गया। वेनिस के मेयर लुइगी ब्रूगनारो ने ट्विटर पर कहा कि स्थिति बहुत भयावह थी। हमने सरकार से सहायता के लिए कहा है। हमें बहुत आर्थिक आवश्यकता है। आपदाग्रस्त क्षेत्र की घोषणा के साथ ही हम सरकार से आपातकाल की घोषणा करने के लिए कहेंगे।
उच्च ज्वार के समय वेनिस को बाढ़ से बचाने के लिए 1984 में एक परियोजना की डिजाइन तैयार की गई थी, लेकिन करोड़ों यूरो की यह परियोजना घोटालों की भेंट चढ़ गई और आज तक यह मूर्तरूप नहीं ले सकी और शहर का यह हाल हो गया।
इटली के संस्कृति मंत्री डारियो फ्रांसेचिनी ने कहा कि सरकार यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल शहर को बचाने के लिए रुपया देगी। वेनिस में समुद्र में बढ़ते जलस्तर से दलदल जैसी स्थिति बन गई है और यातायात ठप हो गया है। (Photo courtesy: Twitter)