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Last Modified: शुक्रवार, 7 मार्च 2025 (10:03 IST)

तहव्वुर राणा को अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में लगा बड़ा झटका, जल्द भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ

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Tahawwur Hussain Rana extradiction : अमेरिका की शीर्ष अदालत ने मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा की भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने के अनुरोध वाली याचिका खारिज कर दी। इस फैसले से तहव्वुर राणा के जल्द भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है।  
 
राणा (64) वर्तमान में लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद है। उसने अमेरिका के शीर्ष अदालत के एसोसिएट जस्टिस और नौवें सर्किट के सर्किट जस्टिस के समक्ष रोक लगाने की आपात अर्जी दायर की थी।
 
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर छह मार्च 2025 को जारी एक नोट में कहा गया है, अर्जी... न्यायाधीश (एलेना) कगन द्वारा अस्वीकार की गई। यह अर्जी अमेरिका की शीर्ष अदालत की एसोसिएट जस्टिस एलेना कगन के समक्ष पेश की गई थी। ALSO READ: Mumbai 26/11 Attacks : आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा ने की भारत न भेजने की अपील, बोला- प्रताड़ना से कुछ ही दिनों में हो सकती है मौत
 
राणा ने अपनी अर्जी में कहा था कि याचिकाकर्ता की गंभीर स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए उसे भारतीय हिरासत केंद्रों में प्रत्यर्पित किया जाना, मौत की सजा दिए जाने के समान होगा। इस यातना के कारण कुछ ही दिनों में मौत भी हो सकती है।
 
कौन है तहव्वुर राणा : तहव्वुर राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का साथी माना जाता है, जो 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। इन आतंकवादी हमलों में 6 अमेरिकी नागरिकों समेत कुल 166 लोगों की मौत हो गई थी।
 
क्या था मुंबई हमला : 26 नवंबर 2008 को समुद्र के रास्ते पाकिस्तान से आए 10 आतंकवादियों ने मुंबई में सिलसिलेवार हमले किए थे जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी। इन 10 आतंकवादियों में अजमल कसाब भी शामिल था जिसे जिंदा पकड़ लिया गया था और फिर उसके खिलाफ मुकदमा चलाया गया था। विशेष अदालत ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। दोषी करार दिए जाने के 2 साल बाद नवंबर 2012 में पुणे की यरवदा केंद्रीय जेल में उसे फांसी दे दी गई थी।
 
2 दिन मंबई में रुका था राणा : मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकवादी हमलों के मामले में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा के खिलाफ दायर पूरक आरोप पत्र में मुंबई पुलिस ने उल्लेख किया है कि वह हमलों से पहले 21 नवंबर तक 2 दिन के लिए पवई उपनगर में स्थित रेनेसां होटल में ठहरा था। आरोपपत्र में उल्लेख किया गया है कि तहव्वुर हुसैन राणा 11 नवंबर, 2008 को भारत आया था और 21 नवंबर तक देश में रहा।
 
राणा का मुंबई हमले से कनेक्शन : राणा ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हेडली को भारतीय पर्यटक वीजा दिलाने में मदद की थी। उन्होंने कहा कि राणा ने कथित तौर पर 26/11 के आतंकवादी हमलों को अंजाम देने में लश्कर-ए-तैयबा की मदद की थी। उन्होंने कहा कि अपराध शाखा को हेडली और राणा के बीच ई-मेल संवाद मिला है।
 
उन्होंने कहा कि 26/11 के आतंकवादी हमलों से संबंधित ई-मेल में से एक में हेडली ने मेजर इकबाल की ई-मेल आईडी के बारे में पूछा था। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के लिए काम करने वाले मेजर इकबाल को 26/11 आतंकी साजिश मामले में आरोपी के रूप में नामजद किया गया है।
 
ट्रंप ने की थी राणा के प्रत्यर्पण की घोषणा : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले महीने घोषणा की थी कि उनके प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, ताकि वह 26/11 के मुंबई हमले में संलिप्तता को लेकर भारत में मुकदमे का सामना कर सके।
edited by : Nrapendra Gupta