गुरुवार, 6 मार्च 2025
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. अंतरराष्ट्रीय
  4. Foreign Minister Jaishankar's statement on Donald Trump
Last Modified: लंदन , गुरुवार, 6 मार्च 2025 (20:18 IST)

डोनाल्ड ट्रंप का कौनसा कदम है भारत के अनुकूल, विदेश मंत्री जयशंकर ने दिया यह बयान

S. Jaishankar
Foreign Minister S. Jaishankar News : विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिकी प्रशासन बहुध्रुवीय व्यवस्था की ओर बढ़ रहा है जो भारत के हितों के अनुकूल है और दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमत हुए हैं। जयशंकर ने कहा, हम उन कुछ देशों में से हैं जो रूस और यूक्रेन दोनों के साथ विभिन्न स्तरों पर नियमित रूप से बातचीत करते रहे हैं, जहां भी यह महसूस हुआ है कि भारत कुछ कर सकता है, हम हमेशा इसके बारे में खुले दिमाग से सोचते रहे हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण से हमारे पास एक बड़ा साझा उपक्रम ‘क्वाड’ है जो एक ऐसी समझ है जहां हर कोई अपना उचित हिस्सा देता है, इसमें किसी को भी लाभ नि:शुल्क नहीं मिलता।
 
चैथम हाउस थिंक टैंक में बुधवार शाम ‘भारत का उदय और विश्व में भूमिका’ शीर्षक से आयोजित सत्र में विदेश नीति के अन्य प्रमुख मुद्दों में रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत की भूमिका, ब्रिक्स समूह के देशों की प्रगति और चीन के साथ संबंध आदि पर चर्चा की गई।
जयशंकर ने कहा, हम उन कुछ देशों में से हैं जो रूस और यूक्रेन दोनों के साथ विभिन्न स्तरों पर नियमित रूप से बातचीत करते रहे हैं, जहां भी यह महसूस हुआ है कि भारत कुछ कर सकता है, हम हमेशा इसके बारे में खुले दिमाग से सोचते रहे हैं। हमारा लगातार यह रुख रहा है कि उन्हें सीधी बातचीत करने की जरूरत है।
 
विदेशमंत्री से अमेरिका की नई सरकार के पहले कुछ सप्ताहों के बारे में उनके विचार पूछे गए, विशेष रूप से ट्रंप के पारस्परिक शुल्क के बारे में। ब्रिटेन और आयरलैंड की छह दिवसीय यात्रा पर आए जयशंकर ने कहा, हम एक ऐसे राष्ट्रपति और प्रशासन को देख रहे हैं जो हमारी भाषा में बहुध्रुवीयता की ओर बढ़ रहा है और यह ऐसी चीज है जो भारत के अनुकूल है।
उन्होंने कहा, राष्ट्रपति ट्रंप के दृष्टिकोण से हमारे पास एक बड़ा साझा उपक्रम ‘क्वाड’ है जो एक ऐसी समझ है जहां हर कोई अपना उचित हिस्सा देता है... इसमें किसी को भी लाभ नि:शुल्क नहीं मिलता।... इसलिए यह एक अच्छा मॉडल है जो काम करता है। ‘क्वाड’ में अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं।
 
मंत्री ने शुल्क के विशिष्ट मुद्दे पर कहा कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर चर्चा के लिए फिलहाल वॉशिंगटन में हैं। इससे पहले पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप ने ‘व्हाइट हाउस’ (अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय) में वार्ता की थी।
जयशंकर ने कहा, हमने इस (शुल्क) विषय पर बहुत खुलकर बातचीत की और उस बातचीत का परिणाम यह हुआ कि हम द्विपक्षीय व्यापार समझौते की आवश्यकता पर सहमत हुए। चैथम हाउस के निदेशक ब्रॉनवेन मैडॉक्स के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें पिछले कुछ दिनों में मंत्रिस्तरीय चर्चा के बाद भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) वार्ता पर उनका सतर्क आशावाद भी शामिल है।
 
उन्होंने कहा, यह एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया है इसलिए जटिलता को देखते हुए यह स्वाभाविक है कि इसमें समय लगेगा... (ब्रिटेन के) प्रधानमंत्री (केअर) स्टॉर्मर, विदेश मंत्री डेविड लैमी और (वाणिज्य) मंत्री जोनाथन रेनॉल्ड्स के साथ मेरी चर्चाओं से मुझे लगातार यह संदेश मिला कि ब्रिटिश पक्ष भी आगे बढ़ने में रुचि रखता है।
 
उन्होंने कहा, मुझे अपने संबंधित सहयोगियों की ओर से भी कुछ बातें बतानी थीं। इसलिए मैं आशावादी हूं और उम्मीद करता हूं कि इसमें ज्यादा समय नहीं लगेगा। चीन के संबंध में जयशंकर ने अक्टूबर 2024 से हुई कुछ सकारात्मक प्रगति का उल्लेख किया जिसमें तिब्बत में कैलाश पर्वत की तीर्थयात्रा मार्ग का खुलना भी शामिल है।
उन्होंने कहा, चीन के साथ हमारे संबंध बहुत ही अनोखे हैं, क्योंकि दुनिया में केवल हमारे दोनों देशों की आबादी दो अरब से अधिक है... हम ऐसा संबंध चाहते हैं, जिसमें हमारे हितों का सम्मान हो, संवेदनशीलता को पहचाना जाए और जो हम दोनों के लिए काम करे।
 
कश्मीर में मुद्दों को हल करने के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा, अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था, कश्मीर में विकास एवं आर्थिक गतिविधि और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था और चुनाव कराना तीसरा कदम था जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने मतदान किया।
उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि जिस बात का हम इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के उस हिस्से को वापस पाना है जो पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। मैं आपको आश्वासन देता हूं कि जब यह हो जाएगा, तब कश्मीर का समाधान हो जाएगा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour