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Last Updated : बुधवार, 20 अक्टूबर 2021 (23:55 IST)

UN में चीन को खरी-खोटी सुना रही थीं भारतीय डिप्लोमैट, अचानक बंद हो गया माइक

UN में चीन को खरी-खोटी सुना रही थीं भारतीय डिप्लोमैट, अचानक बंद हो गया माइक - The mic suddenly went off during the speech of the Indian diplomat at the United Nations
बीजिंग। भारत ने अभी संपन्न हुए दूसरे संयुक्त राष्ट्र सतत परिवहन सम्‍मेलन में चीन के 'बेल्ट एंड रोड इनिश्एटिव' (बीआरआई) और इसकी महत्वाकांक्षी परियोजना सीपीईसी का कड़ा विरोध किया। हालांकि वहां जब भारतीय राजनयिक इन विवादास्पद परियोजनाओं के खिलाफ नई दिल्ली की आपत्तियों को रेखांकित कर रही थीं, तभी अचानक माइक बंद हो गया।

यहां 14 से 16 अक्टूबर के बीच चीन की मेजबानी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र की बैठक में अचानक माइक में गड़बड़ी आ जाने से ऊहापोह की स्थिति उत्पन्न हो गई और उसे ठीक करने में कई मिनट लगे। यहां तक कि अगले वक्ता का वीडियो स्क्रीन पर शुरू हो गया लेकिन इसे संयुक्त राष्ट्र अवर महासचिव लियू झेनमिन ने रोक दिया, जो चीन के पूर्व उप विदेश मंत्री हैं।

झेनमिन ने भारतीय राजनयिक एवं यहां भारतीय दूतावास में द्वितीय सचिव प्रियंका सोहनी से अपना भाषण जारी रखने का आग्रह किया। सम्मेलन कक्ष में ध्वनि प्रणाली बहाल हो जाने के बाद झेनमिन ने कहा, प्रिय प्रतिभागियों, हमें खेद है। हम कुछ तकनीकी समस्याओं का सामना कर रहे थे और अगले स्पीकर का वीडियो शुरू कर दिया। इसके लिए मुझे खेद है और सोहनी से अपना भाषण बहाल करने को कहा।

उन्होंने सोहनी से कहा, आप भाग्यशाली हैं...आपका फिर से स्वागत है। इसके बाद भारतीय राजनयिक ने बगैर किसी व्यवधान के अपना भाषण जारी रखा। सोहनी ने कहा, हम भौतिक संपर्क बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आकांक्षा साझा करते हैं और हमारा मानना है कि यह समान और संतुलित तरीके से सभी के लिए व्यापक आर्थिक लाभ लेकर आएगा।
 
उन्होंने कहा, इस सम्मेलन में बीआरआई का कुछ जिक्र किया गया है। यहां मैं कहना चाहुंगी कि जहां तक चीन के बीआरआई की बात है, हम इससे असमान रूप से प्रभावित हुए हैं। तथाकथित चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) में इसे शामिल करना भारत की संप्रभुता में दखलंदाजी करता है।

बीआरआई का उद्देश्य चीन का प्रभाव बढ़ाना और दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि एवं समुद्री मार्ग के नेटवर्क से जोड़ना है। सोहनी ने कहा, कोई भी देश ऐसी किसी पहल का समर्थन नहीं कर सकता जो संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर उसकी मूल चिंताओं की अनदेखी करता हो।

सोहनी से कुछ वक्ताओं के पहले एक पाकिस्तानी राजनयिक ने बीआरआई और सीपीईसी के तारीफों के पुल बांधे तथा इसे क्षेत्र के लिए निर्णायक बताया। वहीं भारतीय राजनयिक के भाषण के बाद चीनी परिवहन मंत्री ली शियोपेंग ने सोहनी द्वारा की गई आलोचना का जवाब देते हुए कहा, जब भारतीय प्रतिनिधि बोल रही थीं, उस समय आई तकनीकी गड़बड़ी के लिए मैं माफी मांगना चाहूंगा।(भाषा)  
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