आतंकवाद के खिलाफ भारत के संकल्प को व्यक्त करने तथा आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के संबंधों को रेखांकित करने के लिए थरूर के नेतृत्व में भारतीय सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल गुयाना, पनामा, कोलंबिया, ब्राजील और अमेरिका की यात्रा पर है। थरूर ने भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख सदस्यों और प्रमुख मीडिया संस्थानों एवं थिंक टैंक के लोगों के एक चुनिंदा समूह से कहा कि पाकिस्तान के लिए भारत का संदेश स्पष्ट है: हम कुछ भी शुरू नहीं करना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि हम आतंकवादियों को केवल एक संदेश भेज रहे थे। आपने शुरू किया, हमने जवाब दिया। यदि आप रुकेंगे, तो हम रुकेंगे। और वे रुक गए। संघर्ष 88 घंटे तक चला। मुड़कर देखने पर हमें बहुत निराशा होती है क्योंकि ऐसा बिलकुल भी नहीं होना चाहिए था। लोगों की जान चली गई। साथ ही, हम इस अनुभव को दृढ़ संकल्प की नई भावना के साथ भी देखते हैं।
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थरूर ने कहा कि अब एक नया मानदंड बनने जा रहा है। पाकिस्तान में बैठे किसी भी व्यक्ति को यह मानने की अनुमति नहीं दी जाएगी कि वह सीमा पार करके हमारे नागरिकों की हत्या कर सकता है और उसे कोई दंड नहीं दिया जाएगा। इसकी कीमत चुकानी होगी और यह कीमत व्यवस्थित रूप से बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपने कुछ पड़ोसियों से बहुत अलग विमर्श पर ध्यान केंद्रित किया है।
थरूर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से हमारा ध्यान विश्व में सबसे तेजी से विकसित होने वाला मुक्त बाजार लोकतंत्र बनने पर रहा है, हम अपनी अर्थव्यवस्था के विकास पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास कर रहे हैं, हम प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकीय विकास पर अधिक जोर दे रहे हैं तथा बड़ी संख्या में लोगों को गरीबी रेखा से नीचे से निकालकर उन्हें सिर्फ 21वीं सदी में ही नहीं, बल्कि 21वीं सदी द्वारा प्रस्तुत अवसरों एवं दुनिया में लाना चाहते चाहते हैं।
थरूर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भयावह हमले के बारे में विस्तार से बात की, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इसकी जिम्मेदारी द रेजिस्टेंस फ्रंट नामक आतंकवादी संगठन ने ली थी लेकिन वह बाद में मुकर गया था। उन्होंने उस कायरतापूर्ण तरीके पर प्रकाश डाला जिसमें पर्यटकों को उनके धर्म के आधार पर निशाना बनाया गया। उन्होंने इस हमले के बाद भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से की गई जवाबी कार्रवाई का जिक्र किया।
सांसद ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों से लेकर उरी और पुलवामा हमलों तक भारत में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों द्वारा किए गए विभिन्न हमलों पर भी बात की।
थरूर के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की सांसद शांभवी, झारखंड मुक्ति मोर्चा के सरफराज अहमद, तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के जी एम हरीश बालयोगी, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शशांक मणि त्रिपाठी, भुवनेश्वर कलिता एवं तेजस्वी सूर्या, शिवसेना के मिलिंद देवड़ा और पूर्व राजनयिक तरनजीत संधू शामिल हैं।
सांसद ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अंतरराष्ट्रीय डोजियर देने, प्रतिबंध समिति को शिकायत करने और कूटनीति से लेकर हरसंभव प्रयास किया है। सब कुछ आजमाया जा चुका है। पाकिस्तान इनकार करता रहा है। आतंकवादियों को दोषी ठहराने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया, उन पर कोई मुकदमा नहीं चलाया गया, उस देश में आतंकवादियों के ढांचे को खत्म करने का कोई प्रयास नहीं किया गया और वहां (आतंकवादियों के) पनाहगाह मौजूद रहे हैं।
उन्होंने कहा कि तो हमारे दृष्टिकोण से, अब बहुत हो चुका। आप ऐसा करते हैं, तो आपको वैसा ही जवाब मिलेगा और हमने इस ऑपरेशन के जरिए दर्शाया है कि हम इसे सटीकता और संयम के साथ कर सकते हैं। हमें आशा है कि विश्व इसे समझेगा। हमें आत्मरक्षा का अधिकार है। हमने उस अधिकार का इस्तेमाल किया है। हमने गैरजिम्मेदाराना तरीके से यह नहीं किया...यही वह संदेश है जो मैं आज आप सभी को देना चाहता था।
edited by : Nrapendra Gupta