Pakistan-Afghanistan war: अफगानिस्तान-पाकिस्तान में फिर शुरू होगी जंग, तालिबान की खुली चेतावनी, युद्ध के लिए तैयार रहो, युवा और बुजुर्ग भी आएंगे मैदान में
पाकिस्तान से तीसरे दौर की शांति वार्ता भी फेल होने के बाद अफगानिस्तान ने खुली धमकी दे दी है।अफगानिस्तान ने कहा है कि अगर पाकिस्तान जंग चाहता है तो वह भी तैयार हैं। इस बीच अफगानिस्तान के कंधार प्रांत में पाकिस्तानी सेना के हमले के बाद ऐसी अटकलें तेज हो गई हैं कि दोनों देशों के बीच फिर से जंग छिड़ सकती है। अफगानिस्तान ने कहा कि अगर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो अफगान बुजुर्ग और युवा दोनों लड़ेंगे। इससे पहले आसिफ ने चेतावनी दी थी कि अगर इस्तांबुल वार्ता विफल हुई, तो इस्लामाबाद सीधे तालिबान से टकरा सकता है।
रक्षा मंत्री को क्या दी सलाह
अफगान 'मंत्रियों, सीमाओं और जनजातीय मामलों' के मंत्री नूरुल्लाह नूरी ने पाकिस्तानी अधिकारियों को चेताया कि अफगान लोगों की धैर्य की परीक्षा न लें। उन्होंने कहा कि अगर युद्ध होता है तो अफगान बुजुर्ग और युवा दोनों उठकर लड़ेंगे. नूरी ने पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ को अपनी तकनीक पर अधिक आत्मविश्वास न रखने की सलाह दी। उन्होंने अमेरिका और रूस की अफगानिस्तान में असफलताओं का उदाहरण देते हुए चेताया।
अफगानिस्तान ने सख्त रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को चेतावनी दे दी है कि वह किसी तीसरे देश के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा और न ही अपनी संप्रभुता और आजादी पर आंच आने देगा। अफगान सरकार किसी भी आक्रामकता का मुंहतोड़ जवाब देने का वादा करते हुए कहा कि अपने लोगों और जमीन की रक्षा करना उसका इस्लामी और राष्ट्रीय कर्तव्य है।
तालिबान ने साफ कर दिया है कि पाकिस्तान के मुस्लिम उसके भाई हैं, लेकिन वह अपनी हदों में रहकर ही सहयोग कर सकता है। तालिबान ने अपने अंदरूनी सुरक्षा मामलों में दखल की पाकिस्तान की कोशिशों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि वह इस्लामाबाद के लिए पुलिस एजेंट के तौर पर काम नहीं करेगा। वह कोई ऐसा वादा नहीं करेगा जिनका इस्तेमाल विदेशी दखल को सही ठहराने के लिए किया जा सके।
क्या चाहता है तालिबान
कतर और तुर्किए की पहल पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान में सुलह के लिए तीन चक्रों में बातचीत हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। दरअसल इस्लामाबाद चाहता है कि अफगानिस्तान में मौजूद पाकिस्तानी आतंकवादियों खासकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान और उससे जुड़े नेटवर्क को निर्णायक रूप से खत्म किया जाए। पाकिस्तान सीमापार हमलों को रोकने के लिए लिखित में समझौता चाहता है। तालिबान इस बात पर जोर दे रहा है कि आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई अफगान कानून और संप्रभुता पर आधारित होनी चाहिए। Edited by : Sudhir Sharma