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Last Updated :क्रेमलिन , मंगलवार, 9 जुलाई 2024 (23:55 IST)

पुतिन के सामने रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोले PM मोदी- बंदूक से नहीं बातचीत से समाधान

पुतिन के सामने रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोले PM मोदी- बंदूक से नहीं बातचीत से समाधान - PM narendramodis remarks during meeting with President Putin
PM Modi Russia visit : मॉस्को। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक स्पष्ट संदेश देते हुए मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्धक्षेत्र में संभव नहीं है और बम, बंदूकों तथा गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय 'क्रेमलिन' में पुतिन के साथ शिखरवार्ता से पहले, अपने प्रारंभिक वक्तव्य में मोदी ने जाहिर तौर पर यूक्रेन में बच्चों के एक अस्पताल पर बम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि बेगुनाह बच्चों की मौत हृदय-विदारक और बहुत पीड़ादायी है।
 
एक दिन पहले ही कीव में बच्चों के एक अस्पताल पर एक संदिग्ध रूसी मिसाइल से हमला किया गया जिस पर वैश्विक स्तर पर नाराजगी जताई गई है।

 
प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीविजन पर प्रसारित अपने वक्तव्य में कहा कि युद्ध हो, संघर्ष हो या आतंकवादी हमले हों, अगर लोगों की जान जाती है तो मानवता में विश्वास करने वाला हर व्यक्ति दुखी होता है। उस पर भी यदि बेगुनाह बच्चों की हत्या हो, जब हम निर्दोष बच्चों को मरते हुए देखते हैं तो यह हृदय-विदारक और बहुत पीड़ादायी होता है।
 
उन्होंने कहा कि जब हम ऐसा दर्द महसूस करते हैं तो कलेजा फट जाता है। मुझे कल आपके साथ इन मुद्दों पर बातचीत करने का अवसर मिला था। मोदी ने सोमवार रात पुतिन के साथ निजी बैठक में हुई अपनी विस्तृत अनौपचारिक बातचीत का भी जिक्र किया और कहा कि संवाद ही समाधान का एकमात्र रास्ता है।
 
रूस ने यूक्रेन के शहरों पर मिसाइल हमले किए और कीव का ओहमतदित चिल्ड्रन अस्पताल भी शिकार हुआ। हमलों में कम से कम 38 लोग मारे गए जिनमें अस्पताल के 2 लोग शामिल हैं। प्रधानमंत्री मोदी की ये टिप्पणियां रूस के लिए अहम मानी जा रही हैं। इससे कुछ घंटे पहले ही यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पुतिन से गले मिलने पर मोदी की आलोचना की थी।
 
मोदी दो-दिवसीय रूस यात्रा पर सोमवार को मॉस्को पहुंचे और आज पुतिन के साथ उन्होंने 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखरवार्ता में भाग लिया। यूक्रेन संघर्ष के मद्देनजर पश्चिमी देश इस यात्रा पर लगातार नजर रखे हुए हैं।
 
मोदी ने अपने बयान में कहा कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान खोजने का एकमात्र रास्ता संवाद और कूटनीति है और भारत संकट के समाधान के लिए हरसंभव योगदान को तैयार है। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य के लिए शांति अत्यंत आवश्यक है। युद्धक्षेत्र में समाधान संभव नहीं है- बम, बंदूकों और गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती। हमें संवाद के माध्यम से शांति का रास्ता खोजना होगा।
 
मीडिया ब्रीफिंग में विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि मोदी ने निर्दोष लोगों की मौत, विशेष रूप से कल बच्चों के अस्पताल में मौत के मामलों पर चिंता और दुख प्रकट करते हुए बहुत स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के संबंध में, हां, यह मुद्दा दोनों नेताओं के बीच चर्चा में शामिल था। यह कल रात्रि भोज पर निजी चर्चा में और आज बातचीत में भी शामिल था।

 
एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्षों ने यूक्रेन में संवाद और कूटनीति के जरिए संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की अनिवार्यता को रेखांकित किया जिसमें दोनों पक्षों के बीच बातचीत शामिल है। बयान के अनुसार उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार तथा संपूर्ण संयुक्त राष्ट्र चार्टर के आधार पर संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के उद्देश्य से मध्यस्थता के संबंधित प्रस्तावों की सराहना की।
 
क्वात्रा ने कहा कि मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि युद्धक्षेत्र में संघर्ष का समाधान नहीं खोजा जा सकता और यह केवल संवाद तथा कूटनीति से ही संभव है। मोदी ने अपने वक्तव्य में यह भी कहा कि रूस-यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत जरूरी हरसंभव सहयोग, योगदान तथा समर्थन देने को तैयार है।
 
प्रधानमंत्री ने वैश्विक समुदाय को आश्वासन दिया कि भारत शांति के पक्ष में है और संघर्ष का हल बातचीत से होना चाहिए। मोदी ने कहा कि शांति बहाली के लिए भारत हरसंभव तरीकों से सहयोग को तैयार है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस बात से संतुष्ट हैं कि पुतिन ने सोमवार को हुई बैठक में पूरी तरह खुलकर अपने विचार रखे और इससे कई दिलचस्प विचार और नई सोच सामने आईं।
 
पुतिन ने अपने बयान में यूक्रेन संकट का हल निकालने के तरीके खोजने के लिए मोदी के प्रयासों की सराहना की। पुतिन ने कहा कि आप सबसे ज्वलंत मुद्दों पर जिस तरह ध्यान देते हैं, उसकी मैं सराहना करता हूं। इसमें मुख्य रूप से शांतिपूर्ण तरीकों से यूक्रेन संकट का समाधान निकालने के तरीके खोजने की दिशा में आपके प्रयास शामिल हैं। पश्चिमी देशों की भी इस वार्ता पर नजर रही।
 
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने मोदी-पुतिन वार्ता से पहले वाशिंगटन में कहा कि हम भारत से आग्रह करेंगे, जैसा कि हम रूस से वार्ता करने वाले हर देश से करते हैं कि वह स्पष्ट करे कि यूक्रेन में संघर्ष का कोई भी समाधान ऐसा होना चाहिए जो संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करता हो, जो यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता एवं यूक्रेन की संप्रभुता का सम्मान करता हो।
 
इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने मोदी के पुतिन से गले मिलने पर आपत्ति जताई। जेलेंस्की ने 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर रूसी मिसाइल से हमला हुआ, जिसमें कैंसर के मरीज बच्चों पर निशाना साधा गया। मलबे के नीचे कई लोग दब गए।

 
उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के नेता को मॉस्को में ऐसे दिन विश्व के सबसे बड़े खूनी अपराधी को गले लगाते हुए देखना बड़ा निराशाजनक और शांति प्रयासों के लिए विनाशकारी झटका है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार रात पुतिन के साथ हुई अपनी अनौपचारिक बातचीत का भी जिक्र किया और कहा कि रूस के राष्ट्रपति की बात सुनने से उम्मीद बनी।
 
मोदी ने कहा कि कल हमारी बैठक में हमने यूक्रेन के मुद्दे पर एक दूसरे के विचारों को सुना और मैंने उनके समक्ष शांति तथा स्थिरता पर ग्लोबल साउथ की आकांक्षाओं को भी रखा। प्रधानमंत्री ने पिछले कुछ सालों में भारतीयों के लिए खाद्य, ईंधन और उर्वरक की कमी को टालने में भारत-रूस सहयोग की प्रशंसा की।
 
उन्होंने कहा कि जब दुनिया खाद्य पदार्थों, ईंधन और उर्वरक की कमी का सामना कर रही थी, तब हमने अपने किसानों के समक्ष कोई समस्या नहीं आने दी और रूस के साथ हमारी दोस्ती ने इसमें भूमिका निभाई। मोदी ने कहा कि आपके सहयोग से हम पेट्रोल और डीजल की उपलब्धता के मामले में भारत के आम नागरिकों को कठिनाइयों से बचा सके।
 
मोदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि रूस के साथ हमारा सहयोग और बढ़े। प्रधानमंत्री ने आतंकवाद की चुनौतियों को लेकर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत करीब 40 साल से आतंकवाद की चुनौती का सामना कर रहा है। मैं आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा करता हूं। शिखरवार्ता के बाद मोदी ने पुतिन के साथ वार्ता को सार्थक बताया।
 
उन्होंने कहा कि क्रेमलिन में आज राष्ट्रपति पुतिन के साथ फलदायक बातचीत की। हमारी बातचीत में व्यापार, वाणिज्य, सुरक्षा, कृषि, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे क्षेत्रों में भारत-रूस सहयोग का विस्तार करने के तरीकों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि हम, दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने को अत्यंत महत्व देते हैं।
 
पुतिन ने अपने बयान में कहा कि रूस और भारत के बीच व्यापार पिछले साल 66 प्रतिशत बढ़ा और 2024 की पहली तिमाही में इसमें 20 प्रतिशत की और वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि रूस और भारत अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में करीबी सहयोग करते हैं जिसमें प्रमुख रूप से संयुक्त राष्ट्र जैसी वैश्विक संस्था तथा शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) और ब्रिक्स जैसे संगठनों में सहयोग शामिल है। संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि मोदी और पुतिन ने स्पष्ट रूप से आतंकवाद तथा हिंसक उग्रवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की जिसमें आतंकवादियों की सीमापार गतिविधियां शामिल हैं।
 
इसमें कहा गया, उन्होंने जम्मू कश्मीर में आठ जुलाई को कठुआ इलाके में सेना के एक काफिले पर कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले की, दागेस्तान में 23 जून को और 22 मार्च को मॉस्को के क्रोकस सिटी हॉल में हमले की कड़ी निंदा की और इस बात पर जोर दिया कि ये आतंकवादी हमले आतंकवाद से लड़ने के लिए सहयोग को और मजबूत करने की याद दिलाते हैं।
 
उसने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी), संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के संबंधित प्रस्तावों के पुख्ता तरीके से क्रियान्वयन और संयुक्त राष्ट्र वैश्विक आतंकवाद निरोधक रणनीति को भी लागू करने की जरूरत पर जोर दिया।
 
वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्षों ने आतंकवाद से निपटने में देशों और उनके सक्षम प्राधिकारियों की प्राथमिक जिम्मेदारी पर जोर दिया तथा कहा कि आतंकवादी खतरों को रोकने और उनका मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों में अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत दायित्वों का पूरी तरह पालन होना चाहिए।
 
वक्तव्य के अनुसार, उन्होंने आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने और संयुक्त राष्ट्र की रूपरेखा में अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक समझौते को शीघ्र अंतिम रूप देने तथा अपनाने के साथ-साथ आतंकवाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करने के लिए यूएनजीए और यूएनएससी के प्रस्तावों के कार्यान्वयन का आह्वान किया।(भाषा)
 
Edited by: Ravindra Gupta