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Last Modified: नई दिल्ली , सोमवार, 29 अगस्त 2016 (09:52 IST)

अमेरिका ने दिए सबूत, पाकिस्तान में रची गई थी पठानकोट हमले की साजिश

अमेरिका ने दिए सबूत, पाकिस्तान में रची गई थी पठानकोट हमले की साजिश - Pathankot attack emanated from Pakistan, confirms US
साल की शुरुआत में पठानकोट एयरबेस पर हुई आतंकी हमले की साजिश को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान की धरती का इस्तेमाल किया गया था। अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की है कि पठानकोट हमले की साजिश पाकिस्तान से ही रची गई थी।
एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इस मामले में अमेरिका ने भारत को कुछ सबूत सौंपे हैं। अमेरिका ने यह सबूत ऐसे समय में भारत को दिए है जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर के खिलाफ पठानकोट हमले के संदर्भ में चार्जशीट दायर करने पर विचार कर रही है।
 
इस तरह हुआ खुलासा : अमेरिका ने एनआईए को जानकारी दी है कि जनवरी में एयरबेस पर हुए हमले के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के हैंडलरों के फेसबुक का आईपी एड्रेस और जैश के वित्तीय मामलों को देख-रेख करने वाले संगठन अल रहमत ट्रस्ट की वेबसाइट का आईपी एड्रेस और लोकशन पाकिस्तान में ही है।
 
अमेरिका जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जैश के हैंडलर काशिफ जान के दोस्तों तथा पठानकोट में मारे गए चारों आतंकियों (नासिर हुसैन, हाफिज अबू बकर, उमर फारूख और अब्दुल कयूम) ने जिस फेसबुक ग्रुप्स का उपयोग किया था वे जैश से जुड़े हुए थे।
 
हमले के समय अल रहमत ट्रस्ट के वेबपेज rangonoor.com और alqalamonline.com अपलोड किया गया था। इस दोनों का संचालन करने वाला तारिक सिद्दीकी इसके लिए एक ही ई-मेल का प्रयोग कर रहा था जिसका आईपी एड्रेस कराची के मालिर स्थित रफा-ए-आम सासायटी में था। एक अधिकारी ने बताया, 'अमेरिका ने इस बात की पुष्टि की है कि ये सभी वेबसाइट्स और इनके आईपी एड्रेस की लोकेशन पाकिस्तान में पाई गयी है और पठानकोट हमले के समय इन्हें अपलोड किया गया।'
 
जांच में यह बात सामने निकलकर आई है कि काशिफ जान जिस फेसबुक अकाउंट का उपयोग कर रहा था वह उसी नंबर से कनेक्टेट था जिस पर आतंकियों ने पंजाब पुलिस के एसपी सलविंदर सिंह को अगवा करने के बाद पठानकोट से फोन किया था। आतंकियों ने एक अन्य नंबर पर भी फोन किया था जिसका उपोयग 'मुल्ला दादुल्ला' के फेसबुक अकाउंट से जुड़ा हुआ था। इन फेसबुक अकाउंट का संचालन पठानकोट हमले के दौरान पाकिस्तान से हो रहा था और इसके लिए पाकिस्तान की टेलीकॉम फर्म्स के आईपी एड्रेस का इस्तेमाल किया गया था।
 
 
अमेरिकी डोजियार : इससे पहले भी अमेरिका ने एनआईए एक हजार पन्ने का डोजियर सौंपा था। इस डोजियर में जैश-ए-मोहम्मद के संचालक कासिफ जान और चार फिदायीनों के बीच हुई बातचीत रिकॉर्ड है। 2008 में मुंबई धमाके से पहले लश्कर के आतंकियों के बीच हुई बातचीत की तरह ही इस रिकॉर्ड को भी देखा जा रहा है। उस दौरान भी लश्कर के सरगना कराची के एक सुरक्षित ठिकाने में बैठकर मुंबई धमाके की साजिश कर रहे थे।
 
रिकॉर्ड के मुताबिक, पठानकोट हमले के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के चारों फिदायीन नासिर हुसैन (पाकिस्तान स्थित पंजाब), अबू बकर (गुजरांवाला) और उमर फारूख और अब्दुल कयूम (सिंध प्रांत) लगातार 80 घंटे तक पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के संपर्क में था। सूत्रों की मानें तो अमेरिका द्वारा सौंपे गए डोजियर में पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आकाओं के बीच एक तय समय में हुई बातचीत भी दर्ज है।
 
सोशल मीडिया का भरपूर इस्तेमाल : आतंकियों ने 'मुल्ला दादुल्ला' के फेसबुक अकाउंट से जुड़े नंबर से भी पाकिस्तान में कॉल किया था। यह अकाउंट भी कासिम जान ही चलाता था और इन्हें पाकिस्तान स्थित टेलिकॉम फर्म्स (टेलेनॉर एंड टेलेनॉर पाकिस्तान कम्युनिकेशंस कंपनी लिमिटेड, इस्लामाबाद) के आईपी अड्रेस का इस्तेमाल करके एक्सेस किया जा रहा था। इन फेसबुक पेजों पर जिहाद से जुड़े कंटेंट, वीडियो और कमेंट मौजूद है। इन कंटेंट्सों में पाकिस्तान सरकार द्वारा जैश के आतंकियों को गिरफ्तार किए जाने की निंदा की गई है।
 
आतंकियों ने जैश-ए-मोहम्मद की फाइनेंशियल बॉडी अल-रहमत-ट्रस्ट के नंबरों पर भी कॉल किया था। इस बारे में भारत ने अमेरिका से टेक्निकल डिटेल्स मांगी थी। एनआईए ने अमेरिका से इन चैट्स और अकाउंट्स की डिटेल मांगी थी।
 
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका ने एनआईए से सारी जानकारियां शेयर की है। एनआईए के अधिकारी फिलहाल इन सबूतों का विश्लेषण कर रहे हैं। जांच के मुताबिक, व्हाट्सएप पर बातचीत के अलावा कासिम जान एक फेसबुक अकाउंट भी चला रहा था। अकाउंट उसी नंबर से जुड़ा हुआ था जिससे हमलावरों ने एसपी सलविंदर सिंह को किडनैप करते वक्त पठानकोट से कॉल किया था।
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