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Last Modified: गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021 (22:21 IST)

नीरव मोदी का प्रत्यर्पण अब ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल के हस्ताक्षर पर निर्भर

नीरव मोदी का प्रत्यर्पण अब ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल के हस्ताक्षर पर निर्भर - Nirav Modi's extradition now depends on the signature of Britain's Home Minister Preity Patel
लंदन। ब्रिटेन की एक अदालत ने गुरुवार को कहा कि पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में नीरव मोदी को भारतीय अदालतों में जवाब देना चाहिए। इस फैसले से हीरा कारोबारी के भारत प्रत्यर्पण का मार्ग प्रशस्त हो गया है और यह अब ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल के हस्ताक्षर पर निर्भर है।

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने अपने फैसले में कहा कि नीरव से जुड़ा मामला भारतीय अदालतों में उत्तर देने का उपयुक्त मामला है। प्रत्यर्पण कानून 2003 के तहत संबंधित कैबिनेट मंत्री को विभिन्न मुद्दों पर विचार करने के बाद वांछित व्यक्ति के प्रत्यर्पण का आदेश देने का अधिकार प्राप्त है।

कानून के प्रावधानों के तहत विदेश मंत्री को आरोपी को मृत्युदंड की संभावना जैसे मुद्दों पर विचार करना होता है, जिसमें प्रत्यर्पण का आदेश नहीं दिया जा सकता। यदि संबंधित कारक प्रत्यर्पण को नहीं रोकते तो मंत्री को जिला न्यायाधीश द्वारा विदेश मंत्री को भेजे गए फैसले के अनुरूप दो महीने के भीतर प्रत्यर्पण का आदेश देना होता है। नीरव के मामले में दो महीने की अवधि अप्रैल के अंत तक की है।

गृहमंत्री का आदेश मुश्किल से ही अदालत के फैसले के विरुद्ध जाता है। न्यायाधीश ने नीरव को सूचित किया है कि गृहमंत्री के अपना आदेश सुनाने के बाद उसके पास हाईकोर्ट में अपील के लिए 14 दिन का समय होगा।

इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में भी जा सकता है। नीरव की टीम ने तत्काल इस बारे में पुष्टि नहीं की कि गुरुवार के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने का उनका इरादा है या नहीं।

भारत सरकार करेगी संपर्क : भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि सरकार नीरव मोदी के शीघ्र प्रत्यर्पण के लिए ब्रिटिश प्राधिकारियों से संपर्क करेगी। इससे कुछ ही घंटे पहले ब्रिटेन की एक अदालत ने भारत प्रत्यर्पण किए जाने के खिलाफ इस भगोड़े कारोबारी की याचिका को खारिज कर दिया था।

पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से करीब दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में जालसाजी और धनशोधन के आरोपों पर भारत में वांछित हीरा कारोबारी नीरव मोदी गुरुवार को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपना मुकदमा हार गया। ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत के न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने कहा कि उसके खिलाफ मामला है जिसमें उसे भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देना है और ऐसी मानवाधिकार संबंधी कोई चिंता की बात नहीं है कि उनकी चिकित्सा संबंधी जरूरतों को भारत सरकार के आश्वासन के तहत पूरा नहीं किया जाएगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि चूंकि वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के मामले को ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल को भेजने की बात कही है, ऐसे में भारत सरकार जल्द ही उसे प्रत्यर्पित किए जाने को लेकर ब्रिटिश प्राधिकारियों से संपर्क करेगी।

श्रीवास्तव ने कहा कि नीरव मोदी द्वारा उठाए गए मानसिक स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को खारिज करते हुए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत ने कहा कि नीरव मोदी ने साक्ष्य नष्ट करने और गवाहों को धमकाने की साजिश रची।

गौरतलब है कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के आग्रह पर अगस्त 2018 में ब्रिटेन से नीरव मोदी को प्रत्यर्पित किए जाने की मांग की गई थी। प्रत्यर्पण वारंट पर नीरव मोदी को मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था।

वह प्रत्यर्पण मामले में अदालती सुनवाई में वेंड्सवर्थ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हिस्सा लेता था। जमानत के लिए मजिस्ट्रेट और उच्च न्यायालय स्तर पर उसकी कई याचिकाएं खारिज कर दी गई, क्योंकि उसके भागने का खतरा है।(भाषा)
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