क्या आधुनिक 'तुगलक' बन गए हैं ट्विटर के नए मुखिया एलन मस्क?
मध्यकाल में दिल्ली का एक सुल्तान था मोहम्मद तुगलक, जिसे अपने विचित्र फैसलों के कारण सनकी या पागल तक करार दिया गया था। हालांकि तुगलक की गिनती मध्यकाल के सर्वाधिक शिक्षित और विद्वान सुल्तानों में भी होती थी। यहां हम आपको मोहम्मद तुगलक के इतिहास के बारे में नहीं बताने जा रहे हैं, बल्कि आज के दौर के 'तुगलक' एलन मस्क के बारे में बता रहे हैं, जो ट्विटर को खरीदने के बाद से ही अपने 'सनकी' फैसलों को लेकर सुर्खियों में बने हुए हैं। कई बार तो उनके फैसलों से यह सवाल भी उठने लगते हैं कि वे ट्विटर को चलाना भी चाहते हैं या नहीं?
दरअसल, मस्क ने ट्विटर को टेकओवर करते हुए सबसे पहले कंपनी के सीईओ पराग अग्रवाल को हटाया फिर उसके बाद उन्होंने सभी डायरेक्टर्स को भी बाहर का रास्ता दिखा और वे खुद कंपनी के एकमात्र डायरेक्टर बन गए। मस्क ने ट्विटर के सीईओ पराग और सीएफओ नेड सेगल पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खातों की संख्या को लेकर उन्हें और ट्विटर निवेशकों को गुमराह करने का आरोप लगाया था। खबरें थीं कि वे ट्विटर के मुख्यालय को सैन फ्रांसिस्को से टेक्सास शिफ्ट कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने कहा है कि उनकी फिलहाल ऐसी कोई योजना नहीं है।
ट्विटर को खरीदने से पहले मस्क ने यह भी कहा था कि कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जाएगी, लेकिन ट्विटर का ऑफिस संभालते हुए उन्होंने कर्मचारियों पर छंटनी का चाबुक चला दिया। 7500 कर्मचारियों में उन्होंने 3700 को निकाल दिया, वहीं कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले लगभग 5500 कर्मचारियों में से 4000 से ज्यादा की छुट्टी कर दी। मस्क के इस फैसले से असंतुष्ट सैकड़ों कर्मचारियों आगे रहकर ट्विटर की नौकरी छोड़ दी।
इसके बाद मस्क का नया फरमान आया कि ट्विटर नई भर्तियां करेगा। 'पल में तोला, पल में मासा' मस्क कब क्या फैसला ले लें कोई नहीं जानता। अब बताया जा रहा है कि ट्विटर ने बेंडर्स को बिल भुगतान करने से मना कर दिया है। कंपनी के कई कर्मचारी-अधिकारी जिन्होंने कंपनी के कार्य से यात्रा की थी, ट्रैवल कंपनियों को उनका भुगतान नहीं करने का फैसला किया गया है।
वे ब्लू टिक यूजर्स के लिए 8 डॉलर भुगतान करने की योजना भी लाए थे, लेकिन फिलहाल यह ठंडे बस्ते में चली गई है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि मस्क ट्विटर के सामान्य यूजर्स से भी वसूली कर सकते हैं। हालांकि ट्विटर को लेकर मस्क के मन में क्या चल रहा है कोई नहीं जानता, लेकिन उनकी 'सनक' के चर्चे पूरी दुनिया में चल रहे हैं।
तुगलक को क्यों कहा जाता था सनकी? : तुगलक के वे फैसले भी संक्षेप में जान लेते हैं, जिसके चलते उसे सनकी और पागल कहा जाता था। तुगलक को उस समय किसानों का विद्रोह झेलना पड़ा था जब उसने दोआब क्षेत्र में कर वृद्धि की थी। दरअसल, उसी समय वहां अकाल पड़ गया और दमनपूर्वक कर वसूली की गई थी।
राजधानी दिल्ली से दौलताबाद ले जाने के उसके फैसले की काफी आलोचना हुई। हालांकि बाद में राजधानी दिल्ली ही लानी पड़ी। सोने-चांदी के स्थान पर सांकेतिक मुद्रा (पीतल, कांसा, तांबा) चलाने के कारण राजकोष को भारी नुकसान हुआ। खुरासान और कराचिल अभियान के कारण भी तुगलक को आर्थिक और सैन्य नुकसान झेलना पड़ा था। इन्हीं फैसलों के कारण उसे सनकी और पागल भी कहा जाता है।