इंदिरा नूई निशाने पर, ट्रंप की काउंसिल से इस्तीफा देने का दबाव
न्यूयॉर्क। पेप्सिको की मुख्य कार्यकारी अधिकारी इंदिरा नूई को 'कलर ऑफ चेंज' द्वारा निशाना बनाया जा रहा है। यह एक नॉन-प्रॉफिट ग्रुप है जिसने पहले उबर टेक्नोलॉजी और वॉल्ट डिजनी कंपनी पर भी हमला किया है। अब इंदिरा इसके निशाने पर है। यह संगठन नूई पर दबाव डाल रहा है कि वह डोनाल्ड ट्रंप की बिजनेस-एडवाइज़री काउंसिल से इस्तीफा दे दें।
इस संगठन का नूई का इस्तीफा मांगने का कारण ट्रंप द्वारा पिछले हफ्ते वर्जिनिया में हुई रंगभेद हिंसा की निंदा करने में देरी करना है। इस संगठन के एक्जूक्यूटिव डायरेक्टर राशद रोबिंसन ने कहा है कि ट्रंप की एडवाइजरी के अन्य सदस्य और कैंपबेल सूप कंपनी के सीईओ डेनिस मोरिसन भी उनके के निशाने पर होंगे। इस ग्रुप के ऑनलाइन सदस्यों की संख्या करीब 1 मिलियन बताई गई है।
रॉबिंसन ने कहा कि "हमने पेप्सी को 24 घंटे पहले ही आगाह किया था कि हम इस बारे में आगे बढ़ने वाले हैं। ये लोग पब्लिक के प्रति जिम्मेदार कंपनी से तालुक्क रखते हैं जो खुले तौर पर विविधता को लेकर चर्चा करती हैं। इनकी बिजनेस काउंसिल में भूमिका महत्वपूर्ण है और ये ट्रंप को सक्षम करते हैं- न सिर्फ योजनाओं में बल्कि उनके क्रियान्वयन में भी जिनसे नुकसान हुआ है।
ट्रंप की बिजनेस एडवाइजर नूई पर दबाव सोमवार से जारी है, जबसे मर्क एंड कंपनी के सीईओ, अर्मर कंपनी और इंटेल कॉर्पोरेशन के अंतर्गत सभी ने ट्रंप की काउंसिल से इस्तीफा दे दिया है। डॉक्टर केमिकल कंपनी, जनरल मोटर्स कंपनी, जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी और बोइंग कंपनी की सीईओ ने इशारा किया है कि वे अपना पद काउंसिल में नहीं छोड़ेंगे। ट्रंप ने मंगलवार को ट्वीट के जरिए जाहिए किया था कि अगर कोई काउंसिल छोड़कर जाता है तो उनकी जगह लेने के लिए कई नेता तैयार बैठे हैं।