अमेरिका ने ग्वांतानामो जेल की खुफिया रह चुकी इकाई बंद की, दूसरी जगह भेजे गए कैदी
वॉशिंगटन। ग्वांतानामो बे जेल के भीतर किसी समय खुफिया रही इकाई को बंद कर दिया गया है और कैदियों को क्यूबा में अमेरिका के दूसरे सैन्य केंद्र की जेल में भेज दिया गया है। अमेरिकी सेना ने रविवार को इस बारे में बताया। अमेरिकी दक्षिणी कमान ने एक बयान में बताया कि 'संचालन क्षमता और प्रभाव' बढ़ाने के प्रयास के तहत 'कैंप 7' के कैदियों को पास की एक अन्य जेल में रखा गया है।
मियामी स्थित दक्षिणी कमान क्यूबा के दक्षिण छोर पर स्थित इस जेल की निगरानी करती है। कमान ने यह नहीं बताया कि कितने कैदियों को स्थानांतरित किया गया है। अधिकारियों ने पूर्व में बताया था कि कैंप 7 में 14 कैदी थे। ग्वांतानामो जेल में 40 कैदी हैं। दक्षिणी कमान ने बताया कि कैंप 7 के कैदियों को सुरक्षित तरीके से कैंप 5 में पहुंचा दिया गया। कैदियों को कब स्थानांतरित किया गया, इस बारे में नहीं बताया गया। कैंप 5 पूरी तरह खाली था और यह कैंप 6 के पास स्थित है, जहां अन्य कैदियों को रखा गया है।
कैंप 7 को दिसंबर 2006 में खोला गया था। माना जाता है कि यहां पर कैदियों को भीषण यातना दी जाती थी। सेना सीआईए के साथ समझौते के तहत इस जेल का संचालन कर रही थी। दक्षिणी कमान ने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने कैदियों को दूसरी जगह पहुंचाया। सेना सैन्य केंद्र में कैंप 7 के स्थित होने की बात से लंबे समय तक इंकार करती रही और पत्रकारों को भी कभी जेल के भीतर नहीं जाने दिया गया।
अधिकारियों ने कहा था कि इस कैंप को स्थायी ढांचे के तौर पर नहीं बनाया गया था और इसकी मरम्मत की जरूरत है लेकिन पेंटागन ने निर्माण के लिए रकम खर्च करने की योजना टाल दी। कैंप 7 में रखे गए 5 कैदियों पर 11 सितंबर 2001 के हमले की साजिश रचने और मदद मुहैया करने में कथित भूमिका के लिए युद्ध अपराध के आरोप लगाए गए थे। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि वे ग्वांतानामो जेल को बंद करना चाहते हैं लेकिन कुछ कैदियों को मुकदमे के लिए अमेरिका लाने या जेल में रखने के लिए संसद की मंजूरी की जरूरत है।
अमेरिका के सेंट लुइस में कैदियों ने जेल में मचाया उत्पात : सेंट लुइस (अमेरिका)। अमेरिका के सेंट लुइस के 'सिटी जस्टिस सेंटर' में कैदियों ने रविवार को जेल की खिड़कियां तोड़ दीं, आगजनी की और उत्पात मचाया। मीडिया की खबरों के अनुसार 'सिटी जस्टिस सेंटर' में रविवार रात करीब 9 बजे दंगा शुरू हुआ। कैदी टूटी हुई खिड़कियों से बाहर सामान फेंकते और आग लगाते दिखे। दमकल विभाग के कर्मियों ने पाइपों के जरिए आग बुझाई।
खबरों के अनुसार कानून प्रवर्तन एजेंसियों के कर्मी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पहुंचे। कैदियों को तोड़ी गईं खिड़कियों से रात करीब 10.30 बजे पीछे हटाया गया। इसके बाद रात करीब 11 बजे कैदियों ने जेल की दूसरी ओर की खिड़कियां तोड़ दीं और वे वहां से समान फेंकने लगे। इसके करीब 30 मिनट बाद उन्हें वहां से हटाया गया। इस पूरी घटना में किसी के हताहत होने की खबर अभी नहीं मिली है।
इस उत्पात के दौरान कुछ कैदी उनके खिलाफ अदालत में लंबित मामलों की सुनवाई की मांग करते सुनाई दिए।कोरोनावायरस संक्रमण के कारण अदालत में मामलों की सुनवाई काफी लंबित हुई है। इससे पहले यहां 6 फरवरी को हुए उत्पात में शामिल करीब 100 कैदियों और एक अधिकारी को अस्पताल ले जाना पड़ा था। अधिकारियों ने बताया कि कैदी जेल के अंदर के हालात को लेकर नाराज हैं और कोविड-19 को लेकर चिंतित भी हैं। जेल से जुड़े मामलों का निपटारा करने के लिए एक कार्यबल का गठन किया गया है। (भाषा)