लैटिन अमेरिका में मंदी, करोड़ों पर होगा असर
पनामा सिटी। लैटिन अमेरिकी देशों में पिछले 15 साल में गरीबी से बाहर निकली आबादी में से एक तिहाई लोग इस क्षेत्र में आई मंदी के कारण फिर से इसकी चपेट में आ सकते हैं। यह बात संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कही गई।
लैटिन अमेरिका में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के मुख्य अर्थशास्त्री और रिपोर्ट के लेखक जॉर्ज ग्रे ने कहा कि हमारा अनुमान है कि आज करीब 2-3 करोड़ लोग अपने-आपको ऐसी स्थिति में पाते हैं, जो गरीबी की चपेट में आ सकते हैं।
उन्होंने मंगलवार को यहां मीडिया के सामने रिपोर्ट जारी करने के मौके पर कहा कि इसका अर्थ यह है कि पिछले 15 साल में जो लोग गरीबी के दायरे से बाहर निकले, उनमें से एक तिहाई लोग फिर से इसकी गिरफ्त में आ सकते हैं और यह बहुत बड़ा आंकड़ा है। 'बहुआयामी प्रगति : आय से इतर संपन्नता' रिपोर्ट में गरीबी का स्तर 4 डॉलर प्रतिदिन से कम पर जीवन-यापन तय किया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि लैटिन अमेरिका में हालांकि 22 करोड़ लोग जो इस क्षेत्र की कुल आबादी के 38 प्रतिशत के बराबर हैं और आधिकारिक तौर पर गरीब नहीं हैं, वे 10 डॉलर प्रतिदिन से कम पर जीवन बसर कर रहे हैं। (भाषा)