डोनाल्ड ट्रंप ने बनाई अवैध ड्रग्स के उत्पादक 21 देशों की सूची, लिस्ट में भारत भी शामिल
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति (US President) डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत और 20 अन्य देशों को अवैध मादक पदार्थों के बड़े उत्पादक देशों या मादक पदार्थों का पारगमन करने वाले देशों के तौर पर चिह्नित किया है। ट्रंप ने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि उनका प्रशासन मादक पदार्थों से जुड़े आपराधिक संगठनों और उनके समर्थकों से अभूतपूर्व पैमाने पर लड़ाई लड़ रहा है।
ट्रंप ने साथ ही बोलिविया और वेनेजुएला में निकोलस मादुरो शासन के पिछले 12 महीनों के दौरान अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ निरोधक समझौतों के तहत अपने दायित्वों का पालन करने में स्पष्ट तौर पर विफल होने का भी उल्लेख किया।
ट्रंप ने कहा कि उल्लेखित सूची में किसी देश का शामिल होना, जरूरी नहीं कि उसकी सरकार के मादक पदार्थ के खिलाफ कार्रवाई या अमेरिका के साथ सहयोग के स्तर को प्रतिबिंबित करे।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान, भारत, बहामास, बेलीस, बर्मा, कोलंबिया, कोस्टा रिका और डोमिनिकन गणराज्य आदि प्रमुख मादक पदार्थ पारगमन या अवैध मादक पदार्थ उत्पादन करने वाले देश हैं। ट्रंप ने आरोप लगाया कि इस गोलार्ध का सबसे बड़ा सरगना वेनेजुएला का तानाशाह निकोलस मादुरो है।
उन्होंने कहा कि कोलंबिया में राष्ट्रपति इवान ड्यूक और उनकी सरकार अमेरिका के मजबूत साझेदार हैं। कांलबियाई पुलिस और सैन्य बलों ने उच्च स्तर के मादक पदार्थ तस्करों को निशाना बनाकर और कोको का उन्मूलन करके बहुत बहादुरी और प्रतिबद्धता दिखाई है।
ट्रंप ने कहा कि फिर भी, कोको की खेती और कोकीन का उत्पादन अस्वीकार्य रूप से उच्च स्तर पर बना हुआ है। ट्रंप ने इसको लेकर चिंता जताई कि कोको की खेती और कोकीन का उत्पादन पेरू में ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर है जो कि एक अन्य अमेरिकी सहयोगी है।
उन्होंने कहा कि पेरू अमेरिका का एक मूल्यवान कानून प्रवर्तन साझेदार है और उसने मादक पदार्थ के व्यापार के सभी पहलुओं के खिलाफ लड़ने की निरंतर प्रतिबद्धता दिखाई है।
उन्होंने कहा कि मैक्सिको को ‘कार्टेल’ और उनके आपराधिक उद्यमों को खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करना चाहिए और मैक्सिको और अमेरिका के नागरिकों के जीवन की रक्षा करनी चाहिए जिसे इन समूहों द्वारा खतरे में डाला गया है। उन्होंने कहा कि मैक्सिको की सरकार को अपने क्षेत्र में फेंटेनाइल उत्पादन की खतरनाक प्रवृत्ति को स्वीकार करना चाहिए। (भाषा)