आखिर डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना को लेकर क्यों मानी यह बात?
दुनियाभर में कोरोना संक्रमण ने सबसे ज्यादा कोहराम अमेरिका में मचाया है। स्थानीय लोग और विपक्षी नेता राष्ट्रपति ट्रंप पर महामारी से निपटने में नाकाम रहने का आरोप लगाते आए हैं। वहीं ट्रंप भी हमेशा ऐसे आरोपों को खारिज करते आए थे, लेकिन पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति ने स्वीकार किया है कि दुनिया के सबसे मजबूत देश में कोरोना संक्रमण की वजह से हालात वाकई बेहद खराब हैं।
एक स्थानीय न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में ट्रंप की जुबान से ये सच बाहर आया, हालांकि उन्होने ये भी कहा कि वो नहीं चाहते कि देश में किसी भी तरह की पैनिक स्थिति बने। अपने इंटरव्यू में उन्होने कहा कि ' उन्होने शुरुआत से ही इस महामारी पर काबू पाने की कोशिश की, ताकि देशवासियों की जान और माल की हिफाजत की जा सके।
इंटरव्यू की क्लिप इसी साल फरवरी और मार्च की है, जिसे उस पुस्तक के लिए जारी किया गया है जो प्रकाशित होकर 15 सितंबर से पाठकों के हाथ होगी। साल 2020 की ये चौथी किताब है जिसके जरिए ट्रंप पर हमला बोला गया है। किताब का शीर्षक रेज (Raje) है, 3 नवंबर के चुनाव से पहले आ रही इस बुक को भी ट्रंप की जीत की संभावनाओं को कम करने की कवायद माना जा रहा है।
करीब 9 महीने पहले के इंटरव्यू के हवाले से ये दावा किया गया है कि इस दौरान ट्रंप ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका में करीब एक लाख नब्बे हजार लोगों की मौत हो चुकी है। हैरानी इस बात की भी है कि ये बात उन्ही ट्रंप ने की जो खुद मास्क पहनने से परहेज करने के साथ मास्क पहनने वालों का मजाक उड़ाते आए थे।