डबल क्रॉस करने वाले जासूसों को ऐसे निपटाता है रूस
लंदन। ब्रिटेन की प्रधान मंत्री टेरेसा मे ने 23 रूसी राजनयिकों को ब्रिटेन से रूस जाने का ऑर्डर दिया है। कहा जाता है कि रूस के एक पूर्व जासूस को कथित रूसी जासूसों ने जहर देकर मारने की कोशिश की है। इसके परिणाम स्वरूप रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी को मारने की कोशिश की गई है। इस घटना के बाद लंदन और मास्को के बीच शीत युद्ध छिड़ गया है।
संभव है कि इस घटना का असर जून माह में रूस में होने वाले फुटबॉल वर्ल्ड कप में भी दिख सकता है और ब्रिटेन और उसके सहयोगी देश इसका बॉयकॉट कर सकते हैं। ब्रिटेन के कॉमन फॉरेन अफेयर्स कमेटी के प्रमुख टॉम टुजेनधट ने आरोप लगाया कि 'रूस की पुतिन सरकार अपने विरोधियों को खत्म करती रही है। हमें इसका विरोध करना चाहिए।' अब ब्रिटेन के साथ कई यूरोपीय देश भी साथ हैं और उनका कहना है कि रूस की पुतिन सरकार रूस छोड़ने वाले अपने पूर्व जासूसों या जिन पर डबल क्रॉस करने का शक होता है, उन्हें इसी तरह से मार डालती है।
विदित हो कि रूस के पूर्व जासूस सर्गेई स्क्रिपल और उनकी बेटी 2010 से इंग्लैंड में रह रहे थे। ये दोनों चार मार्च को सेल्सबरी में बेहोश मिले। आरोप लगाया जा रहा है कि उन्हें जहर दिया गया है। उल्लेखनीय है कि सर्गेई स्क्रिपल ऐसे पहले शख्स नहीं हैं जिन्हें जहर दिया गया हो। इसके पहले भी कई विरोधी जासूसों को अजीबो-गरीब जहर देकर हत्याएं की गई हैं। बेहतर होगा कि आप जान लें कि रूस अपने इन विरोधी जासूसों की किस तरह से हत्याएं करवाता है। जहर देकर हत्या करना एक प्रमुख तरीका है लेकिन यह जहर भी किस प्रकार दिया जाता है, इस बात की आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
बुल्गारिया विरोधी जासूस जियोग्री मर्कोव को 1978 में छाते की नोंक पर जहर लगाकर मारा गया था। उन पर हमला तब हुआ था जब वे लंदन के वॉटरलू ब्रिज के नीचे बस का इंतजार कर रहे थे। बताया जाता है कि किसी ने उनके पैर पर छाते की नोंक से वार किया था।
सोवियत यूनियन की खुफिया एजेंसी केजीबी के पूर्व एजेंट एलेक्सजेंडर लिट्वेंको की मौत लंदन के मिलेनियम होटल में 2006 में हुई थी। जांच से बाद में यह पता लगा था कि उन्हें पोलोनियम नाम का जहर दिया गया था। यह जहर उन्हें ग्रीन टी बैग की लेस पर लगाकर दिया गया था। लितिवेंको ने 6 साल पहले रूस छोड़ दिया था और वे क्रेमलिन के कट्टर विरोधी थे। इसलिए उनकी इस तरह से हत्या की गई थी।
रूस विरोधी जासूसों की हत्या करने के तरीके किसी हॉलीवुड थ्रिलर से कम नहीं हैं। एलेक्सजेंडर पेरेपिलिचनी नाम के रूसी जासूस की भी हत्या जेल्सेमियम नाम के जहरीले पेड़ से की गई थी। बताया जाता है कि उनकी मौत जॉगिंग करते वक्त हुई थी। जॉगिंग के पहले उन्होंने सूप पिया था जिसमें इस पेड़ के जहरीले पत्तों को डाल दिया गया था।
यूक्रेन में विपक्ष के नेता रहे विक्टर यशचेनको (जोकि अब राष्ट्रपति हैं) को भी जासूसों ने जहर दिया था। उस वक्त वे राष्ट्रपति चुनाव के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे। विदित हो कि उनके खाने में 1000 गुना डीऑक्सीन पाया गया था। डीऑक्सीन एक तरह का ऐसा फैटी टिश्यू होता है जिसकी ज्यादा मात्रा में सेवन शरीर के लिए बेहद खतरनाक हो जाती है।
रूस के विपक्षी कार्यकर्ता और राष्ट्रपति पुतिन के विरोधी व्लादिमीर कारा मुर्जा ने आरोप लगाए थे कि उन्हें 2015 और 2017 के दौरान हैवी मेटल जहर दिया गया। जर्मनी की एक लैब में उनके शरीर में पारा, तांबा, जिंक की मात्रा पाई गई थी। विदित हो कि रूस में रविवार को राष्ट्रपति के लिए चुनाव होना है और इसमें राष्ट्रपति पुतिन की चौथी बार जीत लगभग तय मानी जा रही है।