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Last Updated : सोमवार, 22 जुलाई 2024 (13:00 IST)

बाइडेन के हटने से उम्मीदवारों को पार्टी सम्मेलनों में चुनने की प्रक्रिया हुई पुनर्जीवित

बाइडेन के हटने से उम्मीदवारों को पार्टी सम्मेलनों में चुनने की प्रक्रिया हुई पुनर्जीवित - Biden's withdrawal revives the process of selecting people at party conventions
क्लिंटन (अमेरिका)। अब जबकि जो बाइडेन (Joe Biden) 2024 के राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर हो गए हैं और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस (Kamala Harris) को उम्मीदवार बनाने का समर्थन किया है तो उनकी पार्टी के लिए अंतत: नए उम्मीदवार का औपचारिक रूप से चयन करना डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन (National Convention) के प्रतिनिधियों पर निर्भर करेगा। यह 50 से अधिक वर्षों में पहली बार होगा कि किसी प्रमुख पार्टी के उम्मीदवार को प्राइमरी और कॉकस की लोकतांत्रिक प्रक्रिया के बाहर चुना जाएगा।
 
कई डेमोक्रेट्स ने पहले ही चर्चा शुरू कर दी थी कि बाइडेन को कैसे बदला जाए। उन्हें चिंता थी कि कन्वेंशन के प्रतिनिधियों द्वारा जिनमें से अधिकांश ने पहले बाइडेन को चुनने का वादा किया था, किसी अन्य व्यक्ति का चयन करना अलोकतांत्रिक और नाजायज प्रतीत होगा।

 
सदन के रिपब्लिकन अध्यक्ष ने दावा किया है कि कन्वेंशन में बाइडेन को बदलना 'गलत' और 'गैरकानूनी' होगा। दूसरों ने 'धुएं से भरे कमरे' की वापसी की छवि गढ़ी है। यह शब्द 1920 में सामने आया था जब रिपब्लिकन पार्टी के नेता शिकागो के ब्लैकस्टोन होटल में गुप्त रूप से एकत्र हुए थे और राष्ट्रपति पद के लिए ओहियो के पहले अमेरिकी सीनेटर वॉरेन जी हार्डिंग को नामित करने पर सहमत हुए थे। वे उस वर्ष जीते और एक खराब राष्ट्रपति साबित हुए।
 
नामांकित व्यक्ति को कन्वेंशन प्रणाली के बजाय प्राइमरीज और कॉकस के माध्यम से चुनने की परंपरा अपेक्षाकृत नयी है। 1968 में, जब राष्ट्रपति लिंडन बी. जॉनसन ने घोषणा की कि वे दोबारा चुनाव नहीं लड़ेंगे तो उनके उपराष्ट्रपति, ह्यूबर्ट हम्फ्री, किसी भी प्राइमरी या कॉकस में प्रवेश नहीं करने के बावजूद डेमोक्रेटिक नामांकन हासिल करने में सफल रहे। हम्फ्री जीत गए, क्योंकि उन्हें शिकागो के मेयर रिचर्ड डेली जैसे पार्टी नेताओं का समर्थन प्राप्त था, और इन पार्टी नेताओं ने प्रतिनिधियों के विशाल बहुमत को नियंत्रित किया।

 
कई डेमोक्रेट ने इस प्रक्रिया को बुनियादी तौर पर अलोकतांत्रिक के रूप में देखा, इसलिए पार्टी ने सुधारों की एक श्रृंखला शुरू की जिसने प्राइमरी या कॉकस में प्रतिनिधियों को चुनने की आवश्यकता के द्वारा प्रक्रिया को खोल दिया जिससे सामान्य पार्टी सदस्यों को उस विकल्प को चुनने का मौका मिला। रिपब्लिकन पार्टी ने तुरंत इसका अनुसरण किया और 1972 से दोनों पार्टियों ने इसी तरह से उम्मीदवारों को नामांकित किया।

 
कुछ डेमोक्रेट चिंतित हैं कि कन्वेंशन द्वारा चुने गए एक नए उम्मीदवार में, हम्फ्री की तरह, वैधता की कमी होगी क्योंकि उसने देश भर के डेमोक्रेटिक मतदाताओं की सीधी पसंद के बिना नामांकन हासिल किया होगा। जवाब में उन्होंने सुझाव दिया है कि जिसे 'ब्लिट्ज प्राइमरी' कहा जा रहा है जिसमें बराक और मिशेल ओबामा, बिल और हिलेरी क्लिंटन, ओपरा विन्फ्रे और टेलर स्विफ्ट जैसे राजनेताओं और मशहूर हस्तियों द्वारा आयोजित टेलीविजन पर प्रसारित उम्मीदवार टाउन हॉल की एक श्रृंखला के बाद डेमोक्रेटिक मतदाता एक उम्मीदवार का फैसला करेंगे।
 
राजनीतिक दलों और चुनावों का अध्ययन करने वाले एक विद्वान के दृष्टिकोण से, यह प्रस्ताव सही सोच जैसा लगता है क्योंकि इतने कम समय में एक व्यावहारिक चुनाव प्रक्रिया स्थापित करने की कोई व्यवस्था नहीं है। प्राइमरी और कॉकस की सामान्य प्रक्रिया की तैयारी में वर्षों नहीं तो कई महीने लग जाते हैं।
 
अतीत में कुछ अच्छे चयन
 
जबकि कई लोग कन्वेंशन सिस्टम को हार्डिंग जैसे बुरे नामांकित व्यक्तियों के साथ जोड़ते हैं, रिकॉर्ड उतना बुरा नहीं है। नेशनल रिपब्लिकन द्वारा आयोजित पहले कन्वेंशन में (आज की रिपब्लिकन पार्टी के पूर्वज) पार्टी के नेताओं और अंदरूनी लोगों ने हेनरी क्ले को राष्ट्रपति पद के लिए नामित किया। हालांकि क्ले अगले वर्ष एंड्रयू जैक्सन से हार गए, लेकिन उन्हें 19वीं सदी के महानतम राजनेताओं में से एक माना जाता है।
 
दोनों पार्टियों में कन्वेंशन प्रणाली ने अब्राहम लिंकन, यूलिसिस एस. ग्रांट, वुडरो विल्सन, फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट, ड्वाइट डी. आइजनहावर और जॉन एफ. कैनेडी को नामांकित किया जिनमें से सभी राष्ट्रपति चुने गए। बेशक कन्वेंशनो ने होरेशियो सेमुर, एल्टन पार्कर और जॉन डब्ल्यू डेविस जैसी अपेक्षाकृत कम प्रभावी रही हस्तियों को भी नामांकित किया।
 
लेकिन कौन कह सकता है कि मौजूदा व्यवस्था ने चुनाव योग्य उम्मीदवार तैयार करने में कोई बेहतर काम किया है? हां, रोनाल्ड रीगन और बराक ओबामा हैं, लेकिन जॉर्ज मैकगवर्न जैसे कम सफल उम्मीदवार और जिमी कार्टर और जॉर्ज डब्ल्यू बुश जैसे कमजोर राष्ट्रपति भी इसी व्यवस्था का परिणाम हैं। इसके अलावा यदि इस वर्ष पुरानी प्रणाली लागू होती तो संभावना है कि डेमोक्रेट अपनी वर्तमान दुर्दशा से बच सकते थे।
 
संकट टालने का उपाय
 
जिस हद तक डेमोक्रेटिक पार्टी के नेताओं को बाइडेन की गिरावट के बारे में पता था, वे उन्हें एक बेहतर उम्मीदवार के पक्ष में करने में सक्षम हो सकते थे, यदि नामांकन प्रक्रिया पर उनका नियंत्रण होता। वास्तव में, पिछले दशकों में पार्टी के नेताओं को आम जनता की तुलना में उम्मीदवारों के बारे में अधिक जानकारी होती थी और वे किसी भी व्यक्ति पर वीटो शक्ति का प्रयोग कर सकते थे जिनके बारे में उन्हें लगता था कि उनमें बड़ी कमजोरियां हैं।
 
उदाहरण के लिए 1952 में टेनेसी के अमेरिकी सीनेटर एस्टेस केफॉवर डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में पार्टी-सदस्य चुनावों में स्पष्ट पसंदीदा बन गए। उन्होंने सबसे अधिक प्राइमरीज भी जीतीं और उनके पास सबसे अधिक प्रतिनिधि भी थे। हालांकि, पार्टी नेताओं को केफॉवर के बारे में गंभीर आपत्ति थी, क्योंकि वे उन्हें अत्यंत मनमौजी व्यक्ति मानते थे जो प्रमुख डेमोक्रेटिक निर्वाचन क्षेत्रों को अलग कर सकता था। पार्टी के आकाओं को यह भी पता था कि केफॉवर को शराब और विवाहेतर संबंधों से समस्या थी।
 
परिणामस्वरूप, पार्टी के नेता इलिनोइस के गवर्नर एडलाई स्टीवेन्सन के आसपास एकजुट हो गए, जो कन्वेंशन शुरू होने से पहले उम्मीदवार भी नहीं थे। स्टीवेन्सन ने बेहद लोकप्रिय और शायद अपराजेय ड्वाइट डी. आइजनहावर के खिलाफ हारी हुई लेकिन सम्मानजनक दौड़ में भाग लिया। इसके अलावा, स्टीवेन्सन की वाक्पटुता और बुद्धिमत्ता ने डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यकर्ताओं की एक पीढ़ी को प्रेरित किया। अंतिम समय में कन्वेंशन के चुनाव के लिए बुरा नहीं है।
 
बाइडेन की हटने के साथ यह देखना बाकी है कि क्या नया डेमोक्रेटिक उम्मीदवार एक मजबूत उम्मीदवार होगा या निर्वाचित होने पर एक अच्छा राष्ट्रपति होगा। लेकिन यह सोचने का कोई कारण नहीं है कि इस वर्ष नामांकन के असामान्य रास्ते का उन परिणामों पर कोई प्रभाव पड़ेगा।(द कन्वरसेशन))
 
Edited by: Ravindra Gupta
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