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Written By भाषा
Last Modified: तेल अवीव , सोमवार, 2 जून 2014 (17:26 IST)

इसराइल में हिन्दी को बढ़ावा

अनुदान की हुई घोषणा

इसराइल
FILE
तेल अवीव। इसराइल में हिन्दी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बड़ा कदम उठाते हुए एक भारतीय उद्यमी ने यहां हिन्दी सीखने वाले विद्यार्थियों के लिए लगभग 33 हजार डॉलर के अनुदान की घोषणा की। यह घोषणा उन्होंने तेल अवीव विश्वविद्यालय में विश्व हिन्दी दिवस समारोह के अवसर पर की।

हीरों के व्यापार से जुड़े इस उद्यमी द्वारा घोषित इस अनुदान के जरिए उन विद्यार्थियों का यात्रा खर्च उठाया जाएगा, जो विश्वविद्यालय में हिन्दी में अच्छे अंक हासिल करेंगे। यह यात्रा खर्च उन्हें हिन्दी भाषा पर अपनी पकड़ मजबूत करने की खातिर अगले 5 साल में भारत की यात्रा करने के लिए दिया जाएगा।

इस अनुदान के लिए उम्मीदवारों को ‘कौन भारत जाएगा’ प्रतियोगिता के जरिए चुना जाएगा। यह प्रतियोगिता चर्चित टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ की तर्ज पर होगी। अनुदान पाने वालों के साथ विश्वविद्यालय का हिन्दी का कोई पूर्व छात्र भी जाएगा।

हीरे के कारोबार से जुड़े भारतीय समुदाय के एक नेता रंजीत बारमेजा ने बताया कि हमारे लिए यह देखना गर्व की बात है कि इसराइल में बहुत से लोग हमारी राष्ट्रभाषा सीख रहे हैं और उनमें भारतीय संस्कृति के लिए बहुत उत्साह है।

उन्होंने कहा कि यह इसराइल में भारतीय संस्कृति की जड़ों को मजबूत करने की दिशा में हमारी ओर से एक प्रयास है। बारमेजा ने कहा कि हम यहां दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते स्थापित होने से पहले 1980 के दशक से रह रहे हैं। हम उम्मीद करते हैं कि इस योगदान से हमारे द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आएगी।

विश्वविद्यालय में मानविकी संकाय के डीन प्रोफेसर इयाल जिसर ने भी हिन्दी सीखने के लिए भारत जाने के इच्छुक विद्यार्थियों की सहायता के लिए अनुदान की घोषणा की। इस पर विस्तृत रूप से काम पूर्वी एशियाई अध्ययन विभाग द्वारा किया जाएगा, जहां जापानी, चीनी और हिन्दी पढ़ाई जाती है।

विश्वविद्यालय में रविवार को आयोजित हिन्दी दिवस समारोह में सैकड़ों लोगों ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। इस समारोह में विद्यार्थियों ने शकुंतला समेत कुछ नाटकों का मंचन किया, बॉलीवुड के गीत पेश किए, संस्कृत के श्लोक पढ़े और हिन्दी फिल्मों के कुछ दृश्य अभिनय के जरिए दिखाए।

इसराइल में भारत के राजदूत जयदीप सरकार ने समारोह में मौजूद दर्शकों को बताया कि भारत में काम करने वाली विदेशी कंपनियों ने अब हिन्दी में विज्ञापन करने शुरू कर दिए हैं क्योंकि वे जान गए हैं कि 100 करोड़ भारतीयों के दिलों को वे हिन्दी के जरिए ही छू सकते हैं। जो लोग हिन्दी जानते हैं, उन्हें भारत में कारोबार करने में आसानी होती है।

विश्वविद्यालय में हिन्दी के अध्यापक गेनेडी श्लोंपर को धन्यवाद देते हुए सरकार ने कहा कि वे कई दशकों से यहां हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार में सक्रिय रहे हैं और यह कार्य उन्होंने पूरे दिल से तथा नि:स्वार्थ भावना के साथ किया है।

संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाने के समर्थक श्लोंपर को भारत सरकार ने वर्ष 2007 में न्यूयॉर्क में आयोजित 8वें विश्व हिन्दी सम्मेलन में सम्मानित किया था। उन्हें यह सम्मान इसराइल में हिन्दी को लोकप्रिय बनाने के लिए दिया गया था। (भाषा)