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Written By WD Feature Desk
Last Modified: सोमवार, 21 जुलाई 2025 (17:36 IST)

क्यों लोग ले रहे हैं ‘किराए की दादी मां’? जानिए क्यों और कहां शुरू हुई यह अनोखी सेवा

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Grand mother on rent japan's unique service: आधुनिक जीवनशैली और बदलती सामाजिक संरचनाओं ने रिश्तों के मायने बदल दिए हैं। जहां एक ओर लोग करियर और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को प्राथमिकता दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अकेलापन और भावनात्मक सहारे की कमी एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। इसी पृष्ठभूमि में जापान से एक अनोखी सेवा की शुरुआत हुई है – 'किराए की दादी मां'। यह सुनकर भले ही अटपटा लगे, लेकिन यह सेवा तेजी से लोकप्रिय हो रही है और इसके पीछे गहरे सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण छिपे हैं।

'क्लाइंट सर्विसेज' का अनोखा इनिशिएटिव
जापान की कंपनी 'क्लाइंट सर्विसेज' ने साल 2012 में 'ओके ग्रैंडमा' (Ok Grandma) नाम से इस पहल की शुरुआत की थी। इस सेवा के तहत, लोग किसी 60 से 94 साल की महिला को किराए पर ले सकते हैं। इस सेवा का शुल्क लगभग 3,300 येन (करीब 1900 रुपये) प्रति घंटे है। ये 'दादियां' केवल घर के कामों में मदद करने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे भावनात्मक सहारा, जीवन के फैसलों में मार्गदर्शन और मानसिक उलझनों को सुलझाने में भी मदद करती हैं। कुछ लोग तो इन्हें शादी, खेल प्रतियोगिताओं या पार्टियों में भी बुलाते हैं, ताकि वहां एक घर जैसा माहौल बन सके।

क्यों बढ़ रही है 'किराए की दादी मां' की मांग?
यह सवाल स्वाभाविक है कि आखिर लोग 'किराए की दादी मां' क्यों ले रहे हैं? इसके पीछे कई सामाजिक और सांस्कृतिक कारण हैं, खासकर जापान जैसे देशों में:

1. बढ़ता अकेलापन और संयुक्त परिवारों का विघटन: जापान में तेजी से एकल परिवारों का चलन बढ़ा है। युवा पीढ़ी अपने माता-पिता और दादा-दादी से दूर शहरों में नौकरी और पढ़ाई के लिए जा रही है। ऐसे में, बुजुर्गों को अकेलापन महसूस होता है, और युवा भी घर के बड़े-बुजुर्गों के स्नेह और अनुभव से वंचित रह जाते हैं। 'किराए की दादी मां' इस भावनात्मक खालीपन को भरने का एक तरीका है।
2. बुजुर्गों के अनुभव और ज्ञान की कमी: आधुनिक जीवन की भागदौड़ में युवाओं को अक्सर रिश्तों, करियर या व्यक्तिगत समस्याओं में मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। पारंपरिक रूप से यह भूमिका परिवार के बुजुर्ग निभाते थे। जब वे उपलब्ध नहीं होते, तो 'किराए की दादी मां' अपने जीवन के अनुभवों से उन्हें सही सलाह और भावनात्मक सहारा प्रदान करती हैं। वे सिर्फ़ सलाह नहीं देतीं, बल्कि धैर्य से सुनती हैं, जिससे लोगों को अपनी उलझनें सुलझाने में मदद मिलती है।
3. सामाजिक अलगाव और मानसिक स्वास्थ्य: जापान में सामाजिक अलगाव (Hikikomori) एक बड़ी समस्या है, जिसने आत्महत्या दर को भी प्रभावित किया है। ऐसे में, किसी बुजुर्ग, अनुभवी व्यक्ति का साथ मिलना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी हो सकता है। ये 'दादियां' एक दोस्त, सलाहकार और मार्गदर्शक की भूमिका निभाती हैं, जिससे लोगों को अकेलापन महसूस नहीं होता।
4. पारंपरिक पारिवारिक मूल्यों की कमी: तेजी से बदलते समाज में पारंपरिक पारिवारिक मूल्य कमजोर पड़ रहे हैं। लोग भावनात्मक जुड़ाव और पारिवारिक माहौल की कमी महसूस करते हैं। 'किराए की दादी मां' सेवा एक हद तक इस कमी को पूरा करने का प्रयास करती है, जहां एक बुजुर्ग महिला की उपस्थिति घर में गर्माहट और स्नेह लाती है।
5. बुजुर्गों के लिए सम्मानजनक आय और उद्देश्य: यह सेवा उन बुजुर्ग महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है जो सक्रिय रहना चाहती हैं और समाज में अपना योगदान देना चाहती हैं। यह उन्हें सम्मानजनक आय अर्जित करने और जीवन में एक उद्देश्य बनाए रखने का अवसर प्रदान करती है, जिससे उनके अपने अकेलेपन और आर्थिक चुनौतियों का भी समाधान होता है।
'किराए की दादी मां' की अवधारणा भले ही असामान्य लगे, लेकिन यह आधुनिक समाज की जटिलताओं और भावनात्मक जरूरतों का एक प्रतिबिंब है। यह सेवा न केवल अकेलेपन से जूझ रहे लोगों को भावनात्मक सहारा प्रदान करती है, बल्कि बुजुर्गों को भी समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देती है। यह दिखाता है कि कैसे मानवीय आवश्यकताएँ और नवाचार मिलकर नए सामाजिक समाधानों को जन्म देते हैं, जहां रिश्तों को भी एक नए, अनूठे तरीके से परिभाषित किया जा रहा है।