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Written By WD Feature Desk

The Nightingale Of India : सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि, जानें 20 अनसुने तथ्य

The Nightingale Of India : सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि, जानें 20 अनसुने तथ्य - Sarojini Naidu
Sarojini Naidu
 
 
HIGHLIGHTS
• सरोजिनी नायडू 'द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' के नाम से प्रसिद्ध हैं।
• 2 मार्च को सरोजिनी नायडू की पुण्‍यतिथि।
• वे 'भारत कोकिला' के नाम से चर्चित हैं।
 
Sarojini Naidu : 02 मार्च को सरोजिनी नायडू की पुण्यतिथि है। आजादी के आंदोलन में अग्रणी रहीं निडर भारतीय स्वतंत्रता सेनानी सरोजिनी नायडू जिन्हें हम भारत कोकिला के नाम से भी जानते हैं।

आइए यहां जानें उनके बारे में 20 रोचक बातें...  
 
1. विश्वभर में 'द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया' के नाम से प्रसिद्ध रही सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने देश में फैली कुरीतियों के लिए भारतीय महिलाओं को जागृत किया। 
 
2. उनके पिता एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे, जिनका नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय था। 
 
3. सरोजिनी ने मात्र 14 वर्ष की उम्र में सभी अंग्रेजी कवियों की रचनाओं का अध्ययन कर लिया था। 
 
4. 1895 में हैदराबाद के निजाम ने उन्हें वजीफे पर इंग्लैंड भेजा। 
 
5. 1898 में उनका विवाह डॉ. गोविन्द राजालु नायडू से हुआ।
 
6. 'भारत कोकिला' के नाम से प्रसिद्ध श्रीमती सरोजिनी नायडू की महात्मा गांधी से प्रथम मुलाकात 1914 में लंदन में हुई और गांधी जी के व्यक्तित्व ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। दक्षिण अफ्रीका में वे गांधीजी की सहयोगी रहीं। 
 
7. अपनी युवा अवस्था में सरोजिनी की गांधी जी से लंदन में मुलाकात हुई थी। उन्होंने गांधी जी को जमीन पर बैठे देखा था। वे पिचके हुए टमाटर, जैतून के तेल और बिस्किट से रात का भोजन कर रहे थे। वे उनकी ओर देखकर हंसीं और कुछ व्यंग्यात्मक टिप्पणी की। गांधी जी भी उनकी ओर देखकर बोले- आप संभवतः सरोजिनी नायडू हैं। आइए मेरे साथ भोजन करें। इतना प्रखर जवाब सुनने के बाद सरोजिनी उनकी प्रशंसक हो गईं और उनकी ऐसी अनुयायी हो गईं, जो 43 साल बाद उनकी मृत्यु तक उनके साथ रहीं। 
 
8. सरोजिनी ने गोपाल कृष्ण गोखले को अपना 'राजनीतिक पिता' मानती थीं। 
 
9. सरोजिनी नायडू ने ही गांधी जी को 'राष्ट्रपिता' कहना शुरू किया था। 
 
10. सरोजिनी के विनोदी स्वभाव के कारण उन्हें गांधी जी के लघु दरबार में 'विदूषक' कहा जाता था।
 
11. भारत की स्वतंत्रता के लिए विभिन्न आंदोलनों में सहयोग दिया। काफी समय तक वे कांग्रेस की प्रवक्ता रहीं। 1925 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कानपुर अधिवेशन की प्रथम भारतीय महिला अध्यक्ष बनीं।
 
12. भारत छोड़ो आंदोलन में उन्हें आगा खां महल में सजा दी गई। 
 
13. सरोजिनी नायडू उत्तरप्रदेश की पहली महिला राज्यपाल भी बनी थीं।
 
14. उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड से क्षुब्ध होकर 1908 में मिला 'कैसर-ए-हिन्द' सम्मान लौटा दिया था। 
 
15. उन्होंने मात्र 13 साल की उम्र में 1300 पंक्तियों की कविता 'द लेडी ऑफ लेक' लिखी थी। 
 
16. 'द बर्ड ऑफ टाइम', 'द ब्रोकन विंग', 'नीलांबुज', ट्रेवलर्स सांग', उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं। 
 
17. फारसी भाषा में एक नाटक 'मेहर मुनीर' लिखा। 
 
18. सरोजिनी नायडू कुशल राजनेता के साथ ही एक अच्छी लेखिका भी थीं। 
 
19. वे भारतीय महिलाओं के बारे में कहती थीं- 'जब आपको अपना झंडा संभालने के लिए किसी की आवश्यकता हो और जब आप आस्था के अभाव से पीड़ित हों तब भारत की नारी आपका झंडा संभालने और आपकी शक्ति को थामने के लिए आपके साथ होगी और यदि आपको मरना पड़े तो यह याद रखिएगा कि भारत के नारीत्व में चित्तौड़ की पद्मिनी की आस्था समाहित है।'
 
20. सरोजिनी नायडू का निधन 70 वर्ष की उम्र में 02 मार्च 1949 को इलाहाबाद, (उत्तर प्रदेश भारत) में हुआ था।
 
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