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Written By WD Feature Desk

चाणक्य की इन बातों से जानें जीने की कला, अगर सीख ली तो कदमों में होगी दुनिया

जीवन में सफलता दिलाएगी आचार्य चाणक्य की ये 6 खास बातें

Chanakya Niti
Hindi Chanakya Neeti: अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य सम्राट चन्द्रगुप्त मौर्य के महामंत्री थे। उन्हें कौटिल्य तथा विष्णुगुप्त नाम से भी जाना जाता है। उनकी नीतियां आज के कष्टकारी समय में भी हर क्षेत्र में विजय दिलाने में कारगर हैं। यदि आपने चाणक्य नीति की इन 6 बातों को अपने जीवन में उतार लिया तो निश्चित ही आप दुनिया जी‍तने की कला सीख जाएंगे और हर क्षेत्र में सफलता भी प्राप्त करेंगे।ALSO READ: युद्ध के संबंध में क्या कहती है चाणक्य नीति?

आइए यहां जानते हैं उन खास बातों के बारे में...
 
1. इस मित्र का त्याग करें: चाणक्य कहते हैं कि जो मित्र आपके सामने चिकनी-चुपड़ी बातें करता हो और पीठ पीछे आपके कार्य को बिगाड़ देता हो, उसे त्याग देने में ही भलाई है। वह मित्र उस बर्तन के समान है, जिसके ऊपर के हिस्से में दूध लगा है, परंतु अंदर विष भरा हुआ होता है। इसी प्रकार ऐसे व्यक्ति को मित्र नहीं कहा जा सकता है, जिस पर विश्वास नहीं किया जा सके और ऐसी पत्नी व्यर्थ है जिससे किसी प्रकार का सुख प्राप्त न हो।
 
2. मीठे बोल: चाणक्य नीति के अनुसार संसार एक कड़वा वृक्ष है, जिसके मीठे दो ही फल होते हैं- पहला मधुर वाणी और दूसरा सज्जनों की संगति।
 
3. ब्राह्मण, राजा, शूद्र और वैश्य का कर्तव्य: ब्राह्मणों का बल विद्या है, राजाओं का बल उनकी सेना है, वैश्यों का बल उनका धन है और शूद्रों का बल दूसरों की सेवा करना है। ब्राह्मणों का कर्तव्य है कि वे विद्या ग्रहण करें। राजा का कर्तव्य है कि वे सैनिकों द्वारा अपने बल को बढ़ाते रहें। वैश्यों का कर्तव्य है कि वे व्यापार द्वारा धन बढ़ाएं, शूद्रों का कर्तव्य श्रेष्ठ लोगों की सेवा करना है।
 
4. परिवारजन कैसे हो: जिस व्यक्ति का पुत्र उसके नियंत्रण में रहता है, जिसकी पत्नी आज्ञा के अनुसार व्यवहार करती है और जो व्यक्ति अपने कमाए धन से पूरी तरह संतुष्ट रहता है। ऐसे मनुष्य के लिए यह संसार स्वर्ग के समान ही है।
 
5. सुखी गृहस्थ के लक्षण: चाणक्य के अनुसार वही गृहस्थी सुखी है, जिसकी संतान उनकी आज्ञा का पालन करती है। पिता का भी कर्तव्य है कि वह पुत्रों का पालन-पोषण अच्छी तरह से करें। 
 
6. चाणक्य की 4 महत्वपूर्ण बातें: मेहनत करने से कभी भी दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता और जागते रहने से भय नहीं होता है, अत: हर मनुष्य को जीवन में इन चारों बातों को अपनाना चाहिए। 
 
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