आंधी- तूफान के बाद बैकफुट पर इंदौर प्रशासन, अब आंख खुली, जर्जर घरों को गिराएंगे, चौराहों के शेड भी हटेंगे
विकास और सुविधा के नाम पर तमाम तरह के प्रयोग और हथकंडे अपनाने वाला इंदौर प्रशासन आंधी तूफान के बाद बैकफुट पर आ गया है। पिछले दिनों गर्मी से बचने के लिए चौराहों पर लगाए गए शेड अब प्रशासन हटाएगा। इसके साथ ही रोड किनारे पेड़ों के नीचे थाल बनाए जाएंगे। जर्जर घरों को गिराएंगे!
बता दें कि इंदौर में रविवार को हुई तेज बारिश में कई जगह पेड़ गिर गए थे। जिसके कारण कई जगह रास्ते काफी देर के लिए बंद हो गए थे। कलेक्टर के समीप भी पेड़ गिरने से एक रिक्शा क्षतिग्रस्त हो गई थी। पेड़ गिरने की घटनाओं को रोकने के लिए नगर निगम अब तैयारी कर रहा है। हालांकि कई ऐसे फैसले हैं जो प्रशासन को वापस लेना पड रहे हैं।
छांव के शेड को हटाएंगे : निगमायुक्त शिवम वर्मा ने बताया कि शेड को लेकर एमआईसी की समिति बनाई गई थी। जिसमें अधिकारी और अपर आयुक्त भी शामिल थे। जब बहुत तेज आंधी चलती है तो शेड की ग्रीन नेट भी निकल जाती है और झूल कर नीचे आ जाती है। वह भी किसी बाइक सवार के सामने आ जाए तो दुर्घटना होने का अंदेशा रहता है। इसलिए इन्हें भी हटाने का फैसला लिया गया है, ताकि यात्री सुरक्षित सफर कर सके। रविवार को जब शेड भी नीचे आने की सूचना मिली तो इसे लेकर महापौर से भी बात की गई। ऐसे स्ट्रक्चर को हटा देना चाहिए, जो शहर के लोगों की सेफ्टी में बाधा बन रहे है। कल रात को भी कुछ शेड को मूव किया है बाकी भी ट्रैफिक से हिसाब से रिमूव कर दिए जाएंगे।
पेड़ों की ट्रिमिंग शुरू : नगर निगम अब रोड़ किनारे के पेड़ों के नीचे थाल बनाई जाएगी। इसके साथ ही पेड़ों की ट्रिमिंग का काम भी शुरू किया जाएगा। निगम निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने कहा कि रविवार को कई जगह पेड़ गिरने की सूचना मिली थी। अभी हमारी यह स्ट्रेटजी है और पेड़ की सेहत के लिए भी अच्छा होता है कि उसके नीचे थाला बन जाए। जहां-जहां भी पेड़ सड़क के किनारे लगे है वहां उन पेड़ों के नीचे थाला बनाया जाएगा।
निगमायुक्त ने कहा कि पेड़ों की ट्रिमिंग का काम भी निगम करती है। इस बार पेड़ों की ट्रिमिंग सिमैट्रिकल की जाएगी, ताकि पेड़ एक तरफ झुका ना रहे। रविवार को जिस तरह आंधी चली है उस प्रकार की आंधी में वह मजबूती से खड़ा रहे। चुकी गर्मी में पेड़ों की छटाई कम ही करते है, लेकिन रविवार को जो स्थिति बनी उसे देखते हुए यह फैसला लिया है कि यह काम शुरू किया जाए। इससे छांव जरूर कम होगी, लेकिन सेफ्टी से जरूरी कुछ नहीं है।
जर्जर घरों पर होगी कार्रवाई : निगम आयुक्त ने बताया कि शहर में 102 जर्जर मकानों को चिह्नित किया गया है। सभी को नोटिस देकर कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है। कुछ घरों को तोड़ने का शेड्यूल बना लिया है उन्हें तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।
ये हालत हुई पिछले दो दिनों में :पूरी रात समेटते रहे अव्यवस्थाओं का मलबा : पूरा शहर तूफान और बारिश की ऐसी जद में आया कि कहीं शहर के चौराहे लबालब हो गए तो कहीं घंटों तक वाहन फंसे रहे। कल दोपहर से गई लाइट सोमवार तक भी नहीं लौटी। सड़कों पर लदे पेड़ों को काटने का काम रातभर चलता रहा। कुल मिलाकर पूरी रात तूफान से पसरी अव्यवस्था को प्रशासन समेटता रहा।
ये कैसे स्मार्ट सिटी : स्मार्ट सिटी के नाम पर लंबे समय से इंदौर में डेवलेपमेंट चल रहा है, लेकिन जिस तरह से सड़कों पर पानी जमा हुआ, छज्जे उड़ गए, कई घंटों तक बिजली गुल रही, शेड, होर्डिंग टूट कर गिर गए और पेड़ धराशायी हो गए उसे देखकर लगता है कि प्रशासन विकास के नाम पर इंदौर की जनता से छल कर रहा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाते हुए लिखा— मोहन सरकार की व्यवस्थाएं ऐसी हैं कि कड़ी मेहनत करने वाले विद्यार्थी सिस्टम की नाकामी से आंसू बहाने को मजबूर हैं।
रातभर में हजारों शिकायतें : लोग कहते रहे कि AI और टेक्नोलॉजी के युग में हमारे बच्चे मोमबत्ती जलाकर परीक्षा दे रहे हैं। यह बिजली विभाग की विफलता का जीता-जागता सबूत है। रातभर बिजली नहीं होने की शिकायतें विद्युत कंपनी को की गई। रिपोर्ट के मुताबिक हजारों शिकायतें की गई। जगह जगह फॉल्ट और शॉर्ट सर्किट की घटनाएं सामने आईं।
Edited By: Navin Rangiyal