आचार्य महाश्रमण जी का 50वां दीक्षा दिवस, जानें उनका जीवन
जैन श्वेतांबर तेरापंथ के ग्यारहवें संत।
आचार्य महाश्रमण का दीक्षा दिवस।
आचार्य महाश्रमण का जन्म कब हुआ।
Acharya Mahashraman: आज, 22 मई को आचार्य महाश्रमण जी का 50वां दीक्षा वर्ष मनाया जा रहा है, जिसे आचार्य महाश्रमण दीक्षा कल्याणक महोत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। उनका यह दीक्षा महोत्सव महाराष्ट्र के जालना में मनाया जाएगा, जिसमें कई बड़ी हस्तियों के शामिल होने की संभावना है। इस दिन कई स्थानों पर धार्मिक आयोजन होंगे और करीबन 800 जगहों पर यह उत्सव मनाया जाएगा।
तेरापंथ के ग्यारहवें आचार्य, आचार्य महाश्रमण का जन्म 13 मई 1962 को राजस्थान के चुरू जिले के सरदारशहर में हुआ।
आचार्य श्री तुलसी की आज्ञा से और मुनि सुमेरमल जी लाडनूं के हाथों मात्र 12 वर्ष की उम्र में वे दीक्षित हुए।
आचार्य महाश्रमण 9 सितंबर 1989 में इन्हें महाश्रमण के पद पर मनोनीत हए।
वे आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी के महाप्रयाण के बाद 9 मई 2010 को तेरापंथ के ग्यारहवें आचार्य के पद पर प्रतिष्ठित हुए।
आचार्य श्री महाश्रमण जी सैकड़ों साधु-साध्वियों का नेतृत्व भी कर रहे हैं। अहिंसा के प्रखर प्रवक्ता हैं। उनके व्यक्तित्व में अध्यात्म दर्शन, संस्कृति को जीवंतता तथा अहिंसा यात्रा दुनिया को सांप्रदायिक सौहार्द एवं सद्भावना का सन्देश दे रही हैं। तनावमुक्त जीवन और शांतिपूर्ण समाज का निर्माण करने में उनका प्रमुख योगदान है।
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