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हड्डीतोड़ बुखार, डेंगू से बचाव के लिए अपनाएं ये 12 घरेलू उपाय

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डेंगू फीवर एक संक्रमण है जो डेंगू वायरस की वजह से होता है। मच्छर डेंगू वायरस को फैलाते हैं। डेंगू फीवर को हड्डीतोड़ बुखार भी कहा जाता है क्योंकि इस बुखार में हड्डियों में असहनिय दर्द होता है। डेंगू फीवर के कई लक्षण है जैसे बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द आदि।

डेंगू का समय पर उपचार बेहद जरूरी है, वैसे तो इसके लिए डॉक्टर से ही परामर्श करना चाहिए लेकिन कुछ घरेलू उपाय भी है जो आपको डेंगू फीवर से बचने में मदद कर सकते हैं -
 
1 विटामिन सी - खाने में जितना हो सके विटामिन सी से युक्त पदार्थों का सेवन करें। विटामिन-सी आपको स्वस्थ रखने के साथ ही शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा यह किसी भी प्रकार के संक्रमण को फैलने से भी रोकता है।

 
2  हल्दी का प्रयोग - किसी भी रूप में खान-पान में हल्की का सेवन करें। सामान्यत: सब्जी या दाल में हल्दी का प्रयोग तो होता ही है, इसके अलावा आप चाहें तो हल्दी वाले दूध का सेवन कर सकते हैं।इसमें मौजूद एंटीबायोटिक तत्व आपके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर बीमारियों से आपकी रक्षा करते हैं।
 
3 तुलसी और शहद - तुलसी और शहद का प्रयोग करने से भी डेंगू से बचाव किया जा सकता है। इसके लिए तुलसी को पानी में उबालकर, इसमें शहद डालकर पिया जा सकता है।इसके अलावा आप काढ़ा या चाय में तुलसी का प्रयोग कर सकते हैं। इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल गुण बीमारियों से बचाव में सहायक है।

 
4  पपीते के पत्ते - डेंगू के इलाज में पपीते की पत्त‍ियां बेहतर इलाज के रूप में जानी जाती हैं। पपीते के पत्ते का रस निकालकर दिन में दो बार लगभग 2-3 चम्मच की मात्रा में लेने से डेंगू से बचाव किया जा सकता है। इसमें प्रोटीन से भरपूर पपेन नामक एंजाइम पाया जाता है, जो पाचन शक्ति को ठीक करता है इसके अलावा लाल रक्त कणों में भी वृद्धि करता है।
 
5 अनार - डेंगू बुखार में शरीर में होने वाली रक्त की कमी और कमजोरी को दूर करने के लिए, अनार का सेवन फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद विटामिन ई, सी, ए और फोलिक एसिड और एंटी ऑक्सीडेंट बेहद लाभप्रद साबित होते हैं। यह लाल रक्त कणों के निर्माण में भी महत्वूर्ण भूमिका निभाता है, जो खून की कमी को पूरा करने में सहायक है।

 
6  मेथी - मेथी की हरी पत्तियों का सेवन डेंगू से बचाव में मददगार होते हैं। इसके प्रयोग से शरीर से सभी हानिकारक और विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा शारीरिक दर्द और अनिद्रा की समस्या में भी यह लाभकारी होती है। इसकी सब्जी या इसे पानी में उबालकर प्रयोग किया जा सकता है। इसके अलावा मेथीदाने का प्रयोग भी किया जा सकता है।
 
7 गि‍लोय - गि‍लोय हर तरह की बीमारी में अमृत के समान होती है। इसके प्रयोग से लाल रक्त कणि‍काओं का निर्माण होता है और प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है। तुलसी के साथ इसका काढ़ा बनाकर पीने से लाभ होता है। इसके अलावा गिलोय का जूस या इसकी गोलियां खाना भी फायदेमंद हो सकता है। दि‍न में दो से तीन बार किसी भी रूप में गिलोय का प्रयोग करना, डेंगू से बचने के लिए रामबाण उपाय है।

 
8  बकरी का दूध - जी हां, डेंगू बुखार होने पर बकरी के दूध का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इसके लिए बकरी का कच्चा दूध दिन में दो से तीन बार थोड़ी मात्रा में पीने लाभ होता है। इसके अलावा यह खून की कमी को दूर कर, प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है और शरीर व जोड़ों के दर्द में लाभकारी होता है।
 
9 जवारे का रस - जवारे यानि गेहूं की घास का रस पीने से भी रक्त में प्लेटलेट्स का निर्माण तेजी से होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। प्रतिदिन दो बार इसका प्रयोग करने से डेंगू का खतरा कम होता है।
 
10 सूप - सामान्य भोजन के अलावा सूप का प्रयोग भी जरूर करें। यह आपके स्वाद को बरकरार रखेगा और भूख न लगने की शि‍कायत दूर करेगा। इसके अलावा दलिया का प्रयोग करना भी बेहतर होगा, यह आपको उर्जा देने के साथ ही पाचन को दुरूस्त करेगा।

 
11 हर्बल टी - हर्बल टी का प्रयोग करने से शरीर के हानिकारक तत्व बाहर निकल जाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होती है। दिन में दो से तीन बार हर्बल टी का प्रयोग जरूर करें।
 
12  इसके अलावा मच्छरों से जितना हो सके बचाव करना डेंगू से बचने का प्रमुख उपाय है। मच्छरों से बचने के लिए हर संभव सावधानी बरतें और पानी का जमाव न होने दें, क्योंकि इसमें मच्छरों के पनपने की संभावना अधिक होती है। डेंगू के लक्षण सामने आने पर या किसी भी प्रकार की अन्य समस्या होने पर दवा लेने से पूर्व डॉक्टरी परामर्श अवश्य लें।