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Written By WD Feature Desk
Last Modified: गुरुवार, 12 जून 2025 (16:44 IST)

हिन्दुओं की आबादी में धीमी वृद्धि तो मुस्लिम सबसे तेज़ बढ़ती कौम, जानिए चौंकाने वाला सच

प्यू रिसर्च सेंटर
Muslim population Growth Rate in the world : प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा जारी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ने दुनिया भर की धार्मिक जनसांख्यिकी में महत्वपूर्ण बदलावों का खुलासा किया है। यह रिपोर्ट 2700 से अधिक जनगणनाओं और सर्वेक्षणों के गहन विश्लेषण पर आधारित है और बताती है कि कैसे पिछले दशक में विभिन्न धार्मिक समूहों की आबादी में परिवर्तन आया है। इस रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों में हिन्दुओं की आबादी की धीमी वृद्धि और मुस्लिम समुदाय की अभूतपूर्व वृद्धि दर शामिल है, जिसने दुनिया भर में ध्यान आकर्षित किया है।

ईसाई आबादी में स्थिरता, लेकिन बढ़ी है मुसलमानों की संख्या
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 तक, ईसाई अभी भी दुनिया के लगभग 120 देशों में सबसे बड़ा धार्मिक समूह बने हुए थे। उनकी कुल आबादी 2.18 बिलियन से बढ़कर 2.30 बिलियन हो गई, फिर भी वैश्विक आबादी में उनकी हिस्सेदारी में थोड़ी कमी आई है। यह दर्शाता है कि ईसाई आबादी संख्या में बढ़ी है, लेकिन कुल जनसंख्या वृद्धि में उनकी दर अन्य समूहों की तुलना में धीमी रही है। इसका एक प्रमुख कारण ईसाइयों और यहूदियों में विवाह और बच्चे पैदा करने को लेकर बदलती सामाजिक सोच मानी जा रही है।

इसके विपरीत, मुस्लिम आबादी ने एक दशक में असाधारण वृद्धि दर्ज की है। वर्ष 2010 से 2020 के बीच वैश्विक मुस्लिम जनसंख्या 34.7 करोड़ बढ़कर 2 अरब के पार पहुंच गई। यह वृद्धि दर किसी भी अन्य प्रमुख धार्मिक समूह से कहीं अधिक है। परिणामस्वरूप, दुनिया की कुल आबादी में मुस्लिमों की हिस्सेदारी 1.8% बढ़कर 25.6% हो गई है। यह दर्शाता है कि दुनिया में हर चार में से एक व्यक्ति अब मुस्लिम है।

 
हिन्दुओं की आबादी में धीमी वृद्धि
रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2010 से 2020 के बीच वैश्विक स्तर पर हिंदू जनसंख्या में ज्यादा वृद्धि नहीं देखी गई है। यह 2010 में 1 अरब 10 करोड़ से बढ़कर 2020 में लगभग 1 अरब 20 करोड़ ही पहुंची है। जबकि कुल आबादी बढ़ी है, दुनिया की आबादी में हिन्दुओं का प्रतिशत लगभग स्थिर रहा है। इसका मतलब है कि हिन्दुओं की आबादी उसी दर से बढ़ी है जिस दर से गैर-हिन्दू आबादी बढ़ी है, जिससे उनकी वैश्विक हिस्सेदारी में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया।

भारत के संदर्भ में, रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2050 तक भारत में हिन्दुओं की जनसंख्या 130 करोड़ तक पहुंच सकती है, जबकि देश की कुल आबादी 166 करोड़ तक होने का अनुमान है। हालांकि भारत दुनिया में सबसे बड़ी हिंदू आबादी वाला देश बना रहेगा, फिर भी देश की कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी बढ़ने का अनुमान है।

मुस्लिम आबादी में वृद्धि के कारण
मुस्लिम आबादी में तेजी से वृद्धि का एक प्रमुख कारण एशिया क्षेत्र में उनकी बड़ी संख्या और उच्च जन्म दर है। प्यू रिसर्च सेंटर ने अपने विश्लेषण में पाया है कि मुस्लिम समुदाय में कम उम्र में विवाह और उच्च प्रजनन दर इस वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में मुसलमानों की सबसे बड़ी आबादी है, और इस क्षेत्र में भी उनकी वृद्धि दर काफी तेज है।