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वो एक लाल किताब थी
असद जैदी वो एक लाल किताब थीजिसका रंग था लालउसके पन्नों पर स्याही से छपा था जो कुछउसे हमेशा जाना गया लालमूल नाम उसका कुछ और थापर लाल किताब ही नाम उसका चल पड़ाऔर जिस आदमी की लिखी वह बताई गईयक़ीनन लालों में एक लाल था पर वह उसकाअस्ल बनाने वाला न था उसके कथनों और वजनों के हुजूम से चुनकरकिसी ने एक गुलदस्ता बनायाबड़ा रंग बिरंगा पर यार लोगों ने कहा अहा क्या छटा है लाल रंग की कितने रंग हैं लाल रंग मेंकैसी अच्छी सी बन गई है यह लाल किताबकि सारी किताबें इसके आगे फीकी हैंदरअसल ये आ गई है असली किताबों कीएक किताब लाल लालचीन देश भी एक लाल देश था
बिना लाल के वह लाल चीन न होताबहुत सी बातें हैं बड़े विवाद हैं इसको लेकरये क्या कहते हो यह कब की बात है -कोई कुछ कहता है कोई कुछपर एक बात अपनी जगह है चीन देशएक लाल देश था।साभार : पहल