- लाइफ स्टाइल
» - साहित्य
» - काव्य-संसार
बगिया में खुशबू की खबरें
निर्मल जौहरी आते हैं मेरी खिड़की से रोज हवा के झोंकेकुछ देते कुछ ले जाते हैं बिना बताए झोंकेमौसम और मुहल्ले की कितनी बातें कह जातेबंद हुई खिड़की तो थपथप करते नहीं अघातेखिले हुए बगिया में खुशबू की खबरें लातेचौखट पर रुक कर कुछ कहते फिर उड़ जातेसूखे पत्तों पर लिखे संदेसे ला कर कभी थमातेकभी उड़ा ले जाते आँसू कभी हँसी ले आतेवर्षा ऋतु में बादल के वाहन बन जातेगर्मी के मौसम में पाहुन सा आदर पातेसाभार : शुभ तारिका