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Written By WD

थरथराता रहा धुआँ तन्हा

मीनाकुमारी

थरथराता धुआँ तन्हा मीनाकुमारी गज़ल
WDWD
चाँद तनहा है आस्माँ तन्हा
दिल मिला है कहाँ-कहाँ तनहा

बुझ गई आस, छुप गया तारा
थरथराता रहा धुआँ तन्हा

जिन्दगी क्या इसी को कहते हैं
जिस्म तनहा है और जाँ तन्हा

हमसफर कोई गर मिले भी कहीं
दोनों चलते रहे यहाँ तन्हा

जलती-बुझती-सी रौशनी के परे
सिमटा-सिमटा सा इक मकाँ तन्हा

राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जाएँगे यह जहाँ तन्हा।